पुरातात्त्विक म्यूजियम की स्थापना 1998 में भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण ने किया था। इसका मकसद रूपनगर के पास खुदाई में मिले हड़प्पा काल के शिल्प कृति को प्रदर्शित और संरक्षित करना था। म्यूजियम में वीणा वादिनी, चंद्रगुप्त काल के सोने के सिक्के सहित कई शिल्पकृतियों को प्रदर्शनी के लिए रखा गया है। इसके अलावा आप यहां संरक्षित किए गए पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की कुछ निशानियां को देख सकते हैं।