मिजोरम के सुदूर दक्षिणी छोर पर स्थित सइहा राज्य के आठ जिलों में से एक है। इसका जिला मुख्यालय भी सइहा ही है। साथ ही यह मारा ऑटोनोमस डिस्ट्रिक काउंसिल के लिए भी जिला मुख्यालय का काम करता है। मिजोरम के तीन ऐसे काउंसिलों में से मारा ऑटोनोमस डिस्ट्रिक काउंसिल भी एक है। सइहा जिला उत्तर और उत्तर-पश्चिम में लुंगलेई जिला, पश्चिम में लॉन्गतलाई जिला और दक्षिण व पूर्व में म्यानमार के कुछ हिस्सों से घिरा हुआ है।
सइहा- जिला मुख्यालय
आइजोल और लुंगलेई के बाद सइहा मिजोरम के सबसे बड़े शहरों में से एक है। सइहा शब्द की उत्पत्ति स्थानीय मारा भाषा के एक शब्द ‘सियाहा’ से हुई है। इस शब्द को दो भाग यानी ‘सइ’ और ‘हा’ में तोड़ सकते हैं। ‘सई’ का अर्थ होता है हाथी और ‘हा’ का अर्थ होता है दांत। यानी सइहा का अर्थ हुआ- हाथी का दांत।
ऐसा कहा जाता है कि यहां बड़ी संख्या में हाथी के दांत पाए गए थे, जिससे इसका नाम सइहा पड़ा। सइहा में मारा जनजाति और म्यानमारी लोग बड़ी संख्या में बसे हुए हैं। पर्यटन की दृष्टि से सइहा में काफी कम चीजें ही हैं। इनमें पाला टीपो झील, सइकाओ और माउंट मावमा प्रमुख है।
कैसे पहुंचें
राज्य की राजधानी आइजोल से सइहा करीब 305 किमी दूर है। इस जिला मुख्यालय के लिए नेशनल हाइवे 54 जीवनरेखा का काम करता है। आइजोल से सइहा के लिए राज्य पथ परिवहन निगम की ढेरों बसें चलती हैं, जिससे के जरिए आपको सइहा पहुंचने में परेशानी नहीं होगी।
सइहा का मौसम
सइहा का मौसम काफी संतुलित रहता है और पूरे साल यह खुशगवार बना रहता है। यहां औसत गर्मी ही पड़ती है। वहीं मानसून का समय काफी लंबा और नमी वाला होता है। साथ ही सइहा में ज्यादा ठंड भी नहीं पड़ती है।