गुरुद्वारा नानकियाना साहिब, संगरूर के पूर्व में 4 किमी की दूरी पर, मंगवाल गाँव के पास स्थित है, इसे 1886 में जिंद के राजा रघुवीर सिंह ने बनवाया था। इसे श्री गुरु नानक जी और श्री गुरु हरगोबिंद जी की स्मृति में बनाया गया था जिन्होंने इस गाँव में आकर यहाँ रहने वालों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया था।
यहाँ गुरुद्वारे के पास एक तालाब है जहाँ गुरु जी स्नान किया करते थे और स्थानीय पुजारियों और ग्रामीणों को आध्यात्मिक शिक्षा दिया करते थे। इसके चारों तरफ सीमा की दीवार खींच कर इसे सरोवर में बदल दिया गया है, स्थानीय लोगों द्वारा ऐसा माना जाता है कि इस तालाब में एक डुबकी लगाने से इंसान पवित्र हो जाता है।
इस गुरुद्वारे में एक दीवान हॉल और एक करीर का वृक्ष है जिसे बहुत प्राचीन माना जाता है। यहाँ एक हथियार है – गुर्ज़िताबार, जिस पर ‘1724’ फारसी सांख्यिक में खुदा हुआ है।