यह सतारा का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। इसे "पलेटो ऑफ फ्लावर्स" के नाम से भी जाना जाता है। इस कि हरियाली मन को मोहित करती है। यह सतारा से 22 कि.मी. दूर है। कौस झील सतारा के लिए पीने के पानी का प्राथमिक स्रोत है।
इसका निर्माण 1844 में हुआ था। यह कुल 3500 फीट...
कोयना बांध का निर्माण 1863 में हुआ। यह सांगली जिले की कोयना नदी पर बना है। यह महाराष्ट्र का सब से बड़ा बांध है। इसकी पानी की क्षमता 1878 टीएमसी है और 1920 मेघावाट बिजली उत्पादन करता है।
कोयना बांध और नेहरु बाग़ परिवार के साथ शाम बिताने कि एक खुबसूरत जगह...
सज्जनगढ़ और वासोटा किलो का निर्माण मराठा शैली में किया गया है। इसे पहले अस्वल्यान्गढ़ या अस्वल्गढ़ के नाम से जाना जाता है। यह 10 वी सदी में बनाया गया। यह सतारा से 9 कि.मी. की दूरी पर है। यह 312 मीटर ऊंचा और 1525 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है।
यहाँ शिवाजी...
यह भारत के प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्यों में से एक है।सतारा से कुछ ६५ कि।मी की दूरी पर स्थित यह अभयारण्य निसर्ग प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। सर्दियों में सालाना प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियाँ यहाँ वास करती है।
यहाँ हम ब्रह्मिनी बतख, ब्लैक बीस,...
यह सतारा से 35। कि.मी. की दूरी पर है।मानसून में यह झरना पानी से बार रहता है, जो यहाँ के सैलानियों को बहुत आकर्षित करता है।
जिंक्यात्रा किला, जिंक्यात्रा पहाड़ी पर स्थित है। इसका निर्माण शिलर राजवंश के राजा, राजा भोज ने किया था। यह 3000 फीट की ऊँचाई पर है और समुद्र तल से 1006 मीटर की ऊंचाई पर है। यह सांगली जिले में है। इसे “सप्त ऋषि” किले के नाम से भी जाना जाता है।
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