सतारा, महाराष्ट्र राज्य का एक ज़िला है। यह कुल 10 ,500 वर्ग कि.मी क्षेत्र में फैला है। इसके उत्तर में पुणे, दक्षिण में सांगली, पूरब में सोलापुर, और पश्चिम में रत्नागिरी जिले हैं। इसके इर्द - गिर्द सात पहाड़ियाँ हैं, इसलिए इसे सतारा कहा जाता है, वे हैं जरंदेश्वर, यवतेश्वर, जिंक्यात्रा, कित्लिचा डोंगर, सज्जनगढ़, पैदयाचा बैरोबा, और नक्दिचा डोंगर।
सतारा - इतिहास की नजर से
सतारा पर पहले राष्ट्रकूट राजवंश ने शासन किया। फिर उस पर चालुक्या और मौर्या साम्राज्य का शासन रहा। 17 वी सदी में इस पर मराठा साम्राज्य का शासन रहा। तृतीय एंग्लो - मराठा युद्ध के बाढ़, अंग्रेजो ने सतारा पर कब्ज़ा कर इसे राजा प्रताप सिंह को सोंप दिया। अंत में सतारा बॉम्बे प्रेसिडेंसी का हिसा बन गया। भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में सतारा शहर की प्रमुख भूमिका रही है।
सतारा शहर के एतिहासिक स्थल
सतारा में दखने लायक बहुत सारे मंदिर और किले हैं। यहाँ का जिंक्यात्रा किला प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। इसका निर्माण राजा भोज ने किया था। यह 3000 फीट की ऊँचाई पर है और यह किला दुश्मन से रक्षा प्रदान करता है। इस के भीतर मनमोहन करने वाला मंगलाई देवी का मंदिर है। इस किले की चोटी से हम पूरे सतारा शहर का नज़ारा देख सकते हैं।
सतारा क्यों है प्रसिद्ध
सतारा प्रसिद्ध है अपने समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास के लिए। इसके किले, मंदिर, वन्य अभ्यारण्य और प्राकृतिक सुन्दरता पर्यटकों को अपनी ओर अकार्षित करते हैं। सतारा जो कभी मराठो की राजधानी थी आज एक पर्यटक स्थल है। इस एतिहासिक और प्राकृतिक सुन्दरता से बरी जगह को देखने का मौका कभी न गवाएं।