जटिंगा गांव सिलचर शहर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक लोककथा के अनुसार इस गांव ने तब ख्याति प्राप्त की जब यहां के पक्षि आत्महत्या कर रहे थे। वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह सिद्ध कर दिया कि वास्तव में पक्षि आत्महत्या नहीं कर रहे थे, बल्कि उनकी हत्या की जा रही थी।
कहा जाता है कि शरद ऋतु के महीने में अमावस की रात को, घाटी के ऊपर से उड़ान भरते वक्त पक्षि दिशाभ्रमित हो जाते हैं। स्थानीय लोग रोशनी के माध्यम से इन पक्षियों को आकर्षित करते और बांस के खंभों से उन्हें मारते और खा जाते। बहरहाल, जटिंगा एक बड़ी भीड़ को खींचने का काम करता है और असम में सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक माना जाता है।
जटिंगा एक प्राचीन हिल स्टेशन है जहां आपको आसानी से प्रकृति मां ढक लेंगी। वहाँ चारों ओर हरियाली है, और पहाड़ियां और पहाड़ों पर बहती धारायों के दृश्य इसे छुट्टी के लिए एक आदर्श स्थान बनाती हैं। आप भी इस जगह के लिए अपनी यात्रा के दौरान स्थानीय कला और कलाकृतियों के लिए खरीदारी कर सकते हैं।