अंबिकापुर सरगुजा जिले का मुख्यालय है और अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान एक बार यह गुजरात के राजसी राज्य की राजधानी भी रह चुकी है। अंबिकापुर का नाम, देवी अंबिका के या महामाया देवी के नाम पर रखा गया है जो इस जगह का मुख्य आकर्षण है। यह एक पहाड़ी पर बना है जो मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। मेनपट यहां का खूबसूरत हिल स्टेशन है और इसे लोग छत्तीसगढ़ का शिमला कहते है। यह अम्बिकापुर से 45 किमी. की दूरी पर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए एक घंटे का समय लगता है।
टाइगर प्वांइट झरना, मेनपट में स्थित है। बुद्ध मंदिर यहां का अन्य आकर्षण है जो तिब्बती लोगों के लिए एक धार्मिक स्थल है। कॉरपेट का छोटा उद्योग और गर्म कपड़ों का काम यहां होता है। यह सभी तिब्बती दलाई लामा को फॉलो करते है और मेनपट में शांति का वातावरण बनाएं रखते है। अंबिकापुर तहसील में एक अन्य आकर्षण देवगढ़ भी है। अंबिकापुर में भी शिवपुर के शिव मंदिर की तरह ढेरों मंदिर है। यह अम्बिकापुर से 49 किमी. की दूरी पर स्थित है।
महाशिवरात्रि के दौरान यहां काफी भीड़ रहती है और बंसत पंचमी में भी यहां काफी दर्शनार्थी आते है। कैलाश गुफा, अंिबकापुर से 60 किमी. की दूरी पर स्थित है। संत रामेश्वर गहिरा गुरूजी ने इस गुफा का निर्माण किया था। यह भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक मंदिर है, इसके अलावा भी कई अन्य देवी - देवताओं को समर्पित मंदिर स्थित है।
यज्ञ मंडप, संस्कृत स्कूल, गाहिरा गुरू आश्रम और कैलाश गुफा, यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। रामगढ़, एक ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह सड़क के पूर्व में इलाहबाद और रामेश्वरम के बीच में स्थित है। यह गुजरात जिले के रामपुर टप्पा से आगे पड़ता है।
अंबिकापुर, बॉक्साइट और धान का गोदाम कहलाता है, यहां कई वन भी स्थित है। यह स्थान, पूरे राज्य से रेल और सड़क के द्वारा जुड़ा हुआ है। बिलासपुर से यहां के लिए आसानी से बसें भी मिल जाती है। अंबिकापुर में कोई एयरपोर्ट नहीं है, यहां 12 किमी. दूरी पर दारिमा एयरस्ट्रिप स्थित है।