उदयगिरि की गुफाओं में बेहद जटिल नक्काशी की गई है और 5वीं शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के दौरान चंद्रगुप्त द्वितीय के शासन काल में इन गुफाओं पर फिर से काम किया गया। ये गुफाएं विदिशा से 6 किमी दूर बेतवा और वैस नदी के बीच में स्थित है। एकांत स्थान पर पहाड़ी पर स्थित इन गुफाओं में कई बौद्ध अवशेष भी पाए जाते हैं।
गुफा में की गई नक्काशी और अभिलेख का खास ऐतिहासिक महत्व है। ये गुफाएं गुप्त काल की सबसे प्रमुख पुरातात्विक क्षेत्र है और भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण द्वारा इसे सुरक्षित कर लिया गया है। इस गुफा में पाए जाने वाली अधिकांश मूर्ति भगवान शिव और उनके अवतार को समर्पित है।
गुफा में भगवान विष्णु के लेटे हुए मुद्रा में एक प्रतिमा है, जिसे जरूर देखना चाहिए। पत्थरों को काट कर बनाई ये गुफाएं गुप्त काल के कारीगरों के कौशल और कल्पनाशीलता का जीता जागता उदाहरण है। गुफा का प्रवेश द्वार को देख कर आप मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकेंगे।