गुरुद्वारा रामसर साहिब अमृतसर के दक्षिण-पूर्व छोर पर स्थित है। अन्य गुरुद्वारों की तरह यह गुरुद्वारा भी रामसर सरोवर नामक एक पवित्र तालाब के किनारे पर बना हुआ है। यह तालाब अमृतसर के पांच पवित्र तालाबों में सबसे छोटा है। इसकी खुदाई 5वें सिक्ख गुरू, गुरू अर्जुन देव जी ने तब की थी, जब वह एक आनंदमय स्थान की खोज कर रहे थे।
गुरुद्वारा सामसर साहिब का नामकरण गुरू अर्जुन देव जी के पिता गुरू रामदास जी के नाम पर किया गया है और यहां सारे सिक्ख गुरुओं के बारे में बारे में जानकारी रखने वाले पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब के बारे में अनुगामियों को बताया गया था। गुरू ग्रंथ साहिब पूरा हो जाने के बाद इस पवित्र पुस्तक को हरमंदिर साहिब में रख दिया गया।
इस गुरुद्वारा में संगमरमर की लाइनों वाला एक सभागृह है, जिसके ऊपर कमल के आकार में गुंबद बना हुआ है। अमृतसर घूमते समय अगर आपके पास समय हो तो यहां जा सकते हैं।