प्राचीन मंदिरों का शहर है, जिसकी जड़ें 4000 ईसा पूर्व पुरानी हैं, बनवासी पश्चिमी घाट के जंगलों के बीच दबा है। उत्तर कन्नड़ ज़िले में स्थित यह शहर वरदा नदी के किनारे बसा है। नाम के पीछे की कहानी बनवासी नाम 'बन' और 'वासी' शब्दों से आया है जिसका मतलब 'जंगल' और 'बसंत' है। यह शहर जंगलों से उत्पन्न हुआ और इसलिए इसका यह नाम पड़ा। बनवासी को कर्नाटक का सबसे पुराना शहर मन जाता है और इसका उल्लेख महाभारत में भी किया गया है।
जगह की विशेषता
इस शहर की लोकप्रियता का देनदार यहाँ का मधुकेश्वारा मंदिर है। नवीं शताब्दी में बना यह मंदिर कई श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।
बनवासी जाने का अच्छा समय
इस मठ शहर को देखने का सबसे उचित समय दिसम्बर का महिना है, जब राज्य सरकार एक भव्य समारोह का आयोजन करती है, जिसको कदम्बोत्सव कहते हैं। यह समारोह सांस्कृतिक होने के साथ-साथ भव्य होता है, जिसमें क्षेत्रीय नृत्य एवं कलाएं जैसे यक्षगान और संगीत का प्रदर्शन किया जाता है वास्तव में, यह शहर यक्षगानकला रूप का केंद्र है।
कैसे जाएं बनवासी
बनवासी बैंगलोर से 374 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सबसे निकटतम हुबली का हवाई अड्डा 100 किलोमीटर दूर है। बनवासी से निकटतम रेलवे स्टेशन हावेरी, 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यात्रा कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि यह शहर अच्छी तरह से जुड़ा है।