चुराचांदपुर मणिपुर के सबसे बड़े जिले का जिला मुख्यालय है। यहां इस शहर को लामका के नाम से जाना जाता है। लामका का अर्थ होता है ऐसा स्थान जो सड़कों की मिलन स्थली पर बसा हो। इस शब्द की उत्पत्ति मणिपुरी शब्द ‘लाम’ और ‘का’ से हुई है। ‘लाम’ का अर्थ होता है- मार्ग और ‘का’ का अर्थ होता है- संधिस्थल। राज्य की राजधानी इम्फाल से 59 किमी दूर स्थित नैसर्गिक छठा समेटे चुराचांदपुर जिला छोटी-छोटी पहाड़ियों और तंग घाटियों से घिरा हुआ है।
चुराचांदपुर और आस-पास के पर्यटन स्थल
यहां के दर्शनीय पर्यटन स्थलों में पिकनिक के लिए प्रसिद्ध खूगा बांध, तुइबूओंग और थांगजाम रोड स्थित जनजातीय संग्रहालय, नगालोइ जलप्रपात आदि प्रमुख है। शहर में शॉपिंग किए बिना चुराचांदपुर की यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। यहां के बाजार में आप हस्तशिल्प और चुराचांदपुर की देशज कला के कुछ बेहतरीन नमूने को निशानी के तौर पर खरीद सकते हैं।
चुराचांदपुर इम्फाल के बाद मणिपुर का सबसे बड़ा शहर है। पिछले कुछ दशकों में इसका विकास बड़ी तेजी से हुआ है। चुराचांदपुर एक शांतिप्रिय शहर है और यहां हर समुदाय के लोग सौहार्द व सद्भावना के साथ रहते हैं। यहां सिमते, पैते, गंगते, हमर, जोउ, वाइफी, लूसी और सुकते (तेदिम) समुदाय के लोग रहते हैं, जिससे यहां बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक विविधता देखने को मिलती है।
लोगों का रहन-सहन
काफी समय पहले चुराचांदपुर सिर्फ कुछ गांवों का समूह हुआ करता था। यहां के लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत खेती हुआ करती थी। हालांकि आज भी यहां के लोगों की निर्भरता खेती पर ही है, फिर भी यह शहर राज्य के महत्वपूर्ण व्यावसायिक गढ़ के रूप में जाना जाता है। चुराचांदपुर के लोगों ने फेब्रिक के उत्पादन और पशुपालन में भी श्रेष्ठता हासिल कर ली है।
युद्ध में उजड़ गया था, पर फिर बसा चुराचांदपुर
जब पूर्वोत्तर से जापानी भारत में घुसे तो अन्य शहरों के साथ चुराचांदपुर को भी बमबारी की विभिषिका झेलनी पड़ी थी। यह शहर पूरी तरह से उजड़ गया था, पर पिछले 50 साल में यह शहर इस विनाश से उबर चुका है। आज इसकी पहचान मणिपुर के एक शांतिप्रिय शहर के रूप में है।
चुराचांदपुर कैसे पहुंचे
चुराचांदपुर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट 59 किमी दूर इम्फाल में है। ट्रेन से दीमापुर और जिरिबाम तक जाया जा सकता है। यह शहर सड़क मार्ग के जरिए भी राज्य के अन्य शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है।
घूमने का सबसे अच्छा समय
चुराचांदपुर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च का महीना होता है।