पापनाशम का शाब्दिक अर्थ है ‘पापों का नाश’। यह एक क़स्बा है जो थंजावूर जिले में दरासुरम से 10 किमी दूर स्थित है। यह क़स्बा थंजावूर के जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर और कुंभकोणम से 15 किमी दूर है। पापनाशम यहाँ स्थित पल्लईवंथ स्वामी मंदिर के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चोल राजाओं ने करवया था। इस शहर में नायकों द्वारा निर्मित एक विशाल कोठार (अन्नभंडार) है। यह अन्नभंडार विशाल है और इसकी क्षमता 3000 कलाम की है। यह 36 फीट ऊँची और 86 फीट चौड़ी है। यह चूना पत्थर से बनी है और ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण 1600 ईस्वी से लेकर 1634 ईस्वी के मध्य हुआ है।
भारत के वास्तुकला सर्वेक्षण ने इसे ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता दी है।