यह भद्रेवाह का पुराना मंदिर है जो एक भद्रेवाह की एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह मंदिर यहां बजाए जाने वाले विशेष वाद्य यंत्र के कारण जाना जाता है। यह वाद्य यंत्र कॉपर की धातु से बना हुआ होता है। यहां भगवान कृष्ण के जन्म दिन यानि जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाया जाता है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर के देवता काफी शक्तिशाली है। जब भी मंदिर की भूमि पर कोई कब्जा करता है तो उसके परिवार में कोई भी बच्चा स्वस्थ्य पैदा नहीं होता है।