गलियाकोट एक गाँव है जो डुंगरपुर से 58 किमी. की दूरी पर माही नदी के किनारे स्थित है। मान्यताओं के अनुसार इस गाँव का नाम एक भील मुखिया के नाम पर पड़ा जिसने इस क्षेत्र पर राज्य किया था। यह गाँव परमार और डुंगरपुर राज्य की राजधानी था।
गलियाकोट सैयद फखरुद्दीन के पुण्य स्थल के रूप में भी प्रसिद्द है। संत फखरुद्दीन एक जाने माने संत थे जिनकी मृत्यु के बाद उन्हें गलियाकोट गाँव में दफना दिया गया। यह धार्मिक केंद्र सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया है और इस क्षेत्र की वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है।
पर्यटक इस धार्मिक केंद्र के गुंबद पर जटिल डिज़ाइन देख सकते हैं। प्रतिवर्ष मुहर्रम के 27 वें दिन मनाये जाने वाले उर्स में दावूदी बोहरा के भक्त इस स्थान पर आते हैं। पर्यटक गलियाकोट में विजिया माता का मंदिर, वसुंधरा देवी मंदिर और शीतला माता मंदिर भी देख सकते हैं।