कमल महल (जनानखाना का एक हिस्सा है) अपनी भारतीय-इस्लामी स्थापत्य शैली के लिए जाना जाता है। यह हजारा राम मंदिर के पास स्थित एक लोकप्रिय महल है। इस महल का नाम कमल महल इसलिए रखा गया क्योंकि इसकी मेहराबदार राह कमल के फूल की पंखुड़ियों की तरह बनी है।
कमल महल और चित्रागनी महल के रुप में भी जाना जाने वाला दो मंजिला कमल महल महिराब से अलंकृत है। महारानियां तथा राज्य परिवारों की सखियां जनानखाना में मिला करती थी और कमल महल में चल रही कार्यवाही का आनंद लेती थी। प्राचीन काल में यह महल महारानियों के लिए ग्रीष्मकालीन महल के रुप में कार्य करता था।
कमल महल उन लोकप्रिय इमारतों में से है जिसने इस क्षेत्र पर हुए कब्जों के बाद भी अपनी चमक नहीं खोई। हालांकि इसकी बाहरी सतह तथा हस्तलेखों पर बरबादी के कुछ निशान पाए जा सकते हैं। हम्पी की बहुमत ऐतिहासिक संरचनाओं की तरह, कमल महल को भी ईंटों तथा चूने से बनाया गया है।