कुशावर्त घाट का निर्माण एक मराठा रानी, अहिल्याबाई होल्कर द्वारा करवाया गया था। यहाँ लोग अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति हेतु ‘श्राद्ध’ कराने आते हैं। ऐसा विश्वास है कि प्राचीन समय के एक महान संत दत्तात्रेय यहाँ ध्यान किया करते थे। मिथकों के अनुसार...
कण्व ऋषी आश्रम, हरिद्वार से लगभग 42 किमी की दूरी पर मालिनी नदी के किनारे स्थित है। हरे भरे जंगलों के बीच स्थित यह स्थान प्रकृति प्रेमियों एवं शांति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है।
नील धारा पक्षी विहार पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग की तरह है। यह हरिद्वार से लगभग 4 किमी दूर स्थित है। यह स्थान भीमगोडा बर्राग में स्थित है और सर्दियों में यहाँ साइबेरियन क्रेन एवं अन्य प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं।
श्रवणनाथ जी का मंदिर जो श्रवणनाथ मठ के नाम से भी प्रसिद्ध है, हरिद्वार शहर में स्थित एक प्रसिद्ध पवित्र स्थल है। प्रत्येक वर्ष इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पवित्र नदी में डुबकी लगाने आते हैं। लोग अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करने के लिए भी...
मोती बाज़ार, हरिद्वार में एक मुख्य शॉपिंग केंद्र है जो हर-की-पौड़ी और अपर रोड के बीच स्थित है। इस बाज़ार से आप गंगाजल (गंगा नदी का पवित्र जल), रुद्राक्ष या पवित्र मोती, कीमती पत्थर एवं सिंदूर आदि खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप अचार, आयुर्वेदिक दवाइयां और देवी...
मनसा देवी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो हरिद्वार शहर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर हिंदू देवी मनसा देवी को समर्पित है जो ऋषी कश्यप के दिमाग की उपज है। कश्यप ऋषी प्राचीन वैदिक समय में एक महान ऋषी थे। मनसा देवी, सापों के राजा नाग वासुकी की पत्नी हैं।...
हर-की-पौड़ी के नजदीक स्थित भीमगोड़ा टैंक हरिद्वार का एक मुख्य पर्यटक आकर्षण है। ऐसी किवदंती है कि यह टैंक भीम के घुटने द्वारा झटका दिए जाने पर बनाया गया था। भीम, महान भारतीय महाकाव्य महाभारत में एक पौराणिक चरित्र है।
भारत माता मंदिर, जो मदर इंडिया मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है, हरिद्वार में एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भारत माता को समर्पित है एवं इसका निर्माण प्रसिद्ध धार्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी द्वारा करवाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी...
हर-की-पौड़ी से 5 किमी दूर स्थित यह आश्रम हरिद्वार के प्रसिद्ध आध्यात्मिक विरासत स्थलों में से एक है। एक हिंदू लोककथा के अनुसार, यह आश्रम सात ऋषियों का आराधना स्थल था। वैदिक काल के ये प्रसिद्ध सात साधू थे- कश्यप, अत्री, वशिष्ठ, जमदग्नी, गौतम, विश्वामित्र एवं...
उड़न खटोला उस रोपवे को कहा जाता है जो भक्तों को पहाड़ों पर स्थित मंदिरों में ले जाता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए चल कर जाने या पहाड़ पर चढ़ कर जाने की तुलना में यह एक तेज़ एवं सुविधाजनक तरीका है। केबल कार जहाँ से शुरू होती है वह स्थान चंडी देवी मंदिर के आस पास के...
गौ घाट, हरिद्वार में सबसे प्रतिष्ठित स्थानों में से एक है। लोग गायों का कत्ल करने के बाद अपने पाप धोने के लिए यहाँ आते हैं इसलिए इसका नाम गौ घाट पड़ा। यह वह स्थान है जहाँ लोग अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। कुछ महान लोग जैसे कि जवाहरलाल...
हरिद्वार के कनखल में स्थित माँ आनंदमयी का आश्रम एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह वह स्थान है जहाँ एक प्रसिद्ध संत श्री माँ आनंदमयी की समाधि है।
माया देवी मंदिर हरिद्वार में एक प्रसिद्ध धार्मिक केद्र है। यह 52 शक्तिपीठों में से एक है जो हिंदू देवी सती या शक्ति द्वारा पवित्र किया गया भक्ति स्थल है। यह मंदिर हिंदू देवी अधिष्ठात्री को समर्पित है एवं इसका इतिहास 11वीं शताब्दी से उपलब्ध है। पौराणिक कथाओं के...
भगवान् शिव को समर्पित यह मंदिर हरिद्वार के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर चंडी देवी मंदिर के पास ही है। एक लोककथा के अनुसार यहाँ लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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कामराज- काली मंदिर एक प्रसिद्ध पवित्र स्थल है जो हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 7 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है जो समय एवं परिवर्तन की देवी मानी जाती हैं। इन्हें विनाश की देवी एवं राक्षसों का नाश करने वाली माता भी कहा जाता है|