रानी महल में दो तल्ले हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस महल को 1720 में दोस्त मोहम्मद खान ने महिलाओं के रहने के लिए बनवाया था। यहां उनकी रानियां रहती थीं। इस खूबसूरत महल में कई बालकोनियां हैं और बीच का स्थान काफी खुला हुआ है। इसके छत पर बनीं छतरियां अपने समय की उत्कृष्ट वास्तुशिल्प शैली का प्रमाण है।
इस महल में पहुंचकर काफी आराम का एहसास होता है। इसके कमरे भले ही आकार में ज्यादा बड़े न हों, फिर भी इसकी साधारण बनावट से भी पर्यटक प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते।
इस महल को एक कैन्वस के तौर पर भी देखा जा सकता है, जिसमें मुगल, राजपूत और मालवा शैली के वास्तुशिल्प की झलक मिलती है। इस महल में स्थित आयाताकार गार्डन इसकी खूबसूरती में और भी इजाफा कर देता है। महल के सामने वाले हिस्से में एक खुला प्रांगण है, लेकिन इसके बालकोनी से मिलने वाले भव्य नजारे को देखकर आप रोमांचित हुए बिना नहीं रह सकते हैं।