आयीराम जन्नल वीदू, कराईकुडी का एक प्रसिद्ध लैंडमार्क है। इस नाम का शाब्दिक अर्थ होता है - हजार खिड़कियों वाला एक घर। इस इमारत में हजार खिड़कियां होने के कारण इसे यह नाम दिया गया। यह महल पर्यटकों के बीच बहुत विख्यात है। वास्तव में, एक बार कराईकुडी की...
108 पिल्लायार कोविल एक मंदिर है जो कराईकुडी में स्थित है और यह शिवगंगाई जिले का हिस्सा है। यह मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है क्योंकि इस मंदिर में गणेश भगवान की 108 प्रतिमाएं है। इस मंदिर में भारी संख्या में पर्यटक सैर करने आते है। स्थानीय...
अथानगुडी गांव, शिवगंगाई जिले में स्थित है जो कराईकुडी से 24 किमी. की दूरी पर बसा है। यह गांव, चेट्टीनाड क्षेत्र में आता है और यह पूरे देश में यहां बनने हस्त टेराकोट्टा के कारण प्रसिद्ध है जो सिर्फ यहीं बनता है। यहां सीमेंट, रेत, सिंथेटिक ऑक्साइड और बेली...
महारनोनबु पोट्टल में स्थित गांधी स्कॉवर, कराईकुडी का सबसे प्रसिद्ध स्थल है। इस स्कॉयर में आकर कई महान दिग्गजों ने अपना भाषण दिया है। सबसे पहली बार 1906 में विख्यात हस्ती ने अपना भाषण यहां दिया था। इस स्थान पर सुब्रमण्य भारती...
कविरासर कन्नाणासन मणि मंडपम एक छोटी सी संरचना है जिसे तमिल कवि अरासर कन्नादसन की याद में बनवाया गया था, क्योंकि इनका जन्म इसी स्थान पर हुआ था। यह वह इंसान है जिन्होने तमिल साहित्य की रूप रेखा ही बदल दी है। उनकी कलम में बात को...
कानादुकथान एक छोटा सा गांव है जो शिवगंगाई जिले में स्थित है और कराईकुडी के काफी नजदीक बसा हुआ है। इस स्थान की मुख्य विशेषता यहां का स्थानीय भोजन और घर हैं। कानादुकथान में बने हुए घर काफी बड़े होते है और चेट्टीनाड शैली में बने हुए होते है।
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शिव मंदिर, कादानुर से 7 किमी. की दूरी पर शिवगंगाई जिले में स्थित है। इस मंदिर के लिए मुख्य शहर से नियमित रूप से चलने वाली बसें मिल जाती है। शिव मंदिर, कादानुर में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। इसके अलावा, इस मंदिर में माता पार्वती की पूजा भी की जाती...
कन्नाथ मंदिर, शिवगंगाई जिले के नट्टारासाकोटाई गांव के अंर्तगत आता है। यह गांव, कराईकुडी के काफी नजदीक स्थित है। यह मंदिर, देवी कन्नूदेतिया नायाकी को समर्पित है जिन्हे स्वंयभूमूर्ति का रूप माना जाता है। इस मंदिर की विशेषता इसकी बनावट है। इस...
कुंद्राकुडी मुरूगन मंदिर, मदुरई के भगवान मुरूगन को समर्पित है। इसके अलावा, इस मंदिर में भगवान के दो मुख्य शिष्यों वल्ली और दाईवानाई की पूजा भी की जाती है। यह मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान मुरूगन की 6 सिर वाली मूर्ति लगी हुई...
मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर, कराईकुडी में स्थित है जो पूरे देश में सबसे अच्छा मंदिर है। इस मंदिर को शुरूआत में कुलासेकारा पंडायान के द्वारा बनवाया गया था लेकिन बाद में इसे नष्ट कर दिया गया। बाद में इस मंदिर का पुर्ननिर्माण विश्वनाथ नैकर ने 16 सदी...
अम्बाक्कुडी श्री अनिथु वेथु कालीअम्मन कोविल, एक हिंदू मंदिर है जो कराईकुडी से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। कोविल शब्द को अर्थ होता है मंदिर, यह एक तमिल शब्द है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इस मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।...
देवाकोट्टाई को शिवागंगाई जिले का दूसरा सबसे बड़ा शहर माना जाता है। यहां के आकर्षक स्थलों के कारण पर्यटक हर साल भारी संख्या में यहां सैर करने आते है। इस नगर में वीदु चेट्टीनाड स्थित है जहां काफी पर्यटक प्रभावित होकर आते है।
यहां की वास्तुकला...
कोप्पूदाई मंदिर, दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। कई श्रद्धालु जिन्हे चर्म रोग की समस्या होती है, या उनकी शादी नहीं हो पाती है, वह सभी इस मंदिर में दुआ मांगने आते है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर में मन्नत मांगने से सभी...
नगारा सिवान कोविल, को देवाकोट्टी के सबसे सुंदर मंदिरों में से गिना जाता है। इस मंदिर को चेट्टीयार शैली में बनाया गया है। इसकी वास्तुकला बेहद सुंदर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और माना जाता है कि वह इस मंदिर में सोने के घोड़े पर सवार होकर आते है और...
कृष्णामूर्ति पेरूमल कोविल, कराईकुडी शहर में िस्थत एक मंदिर है। कोविल या क्वाइल, इस शहर के केंद्र के दाएं ओर स्थित है जहां आना कतई न भूलें। यह मंदिर भगवान शिव और पेरूमल को समर्पित है। भगवाल पेरूमल को स्थानीय लोगों के द्वारा भगवान थिरूमल के...