ये किला राजस्थान के सपोतारा में स्थित है । ये किला भरतपुर और सवाई माधोपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में केवलादेव घाना पक्षी अभयारण्य के बीच स्थित है। केला देवी वन्यजीव अभयारण्य इस किले से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह किला झील के किनारे और गाँव के मनोरम दृश्य के लिए प्रसिद्द है।
ये किला 1645 में राजा भोजपाल को उनके पिता की तरफ से जागीर में मिला था जो यहाँ के राजा थे । उस समय ठाकुर बृजेंद्र राज पाल और उनके परिवार द्वारा इस किले का प्रबंधन किया जाता था।
इस किले के अन्दर दो मंदिर हैं जिसमें से एक भगवान गणेश तो दूसरा भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ स्थित शिव मंदिर में भगवान शिव की एक संगमरमर से बनी विशाल मूर्ति है जो 18 वीं शताब्दी की वास्तुकला को दर्शाती है। इस किले की यात्रा करने पर यहाँ आने वाले पर्यटक सुन्दर खेतों, डांग के पठार कलिसिल झील के मनोरम दृश्यों को भी देख सकते हैं। भरतपुर पक्षी अभयारण्य यहाँ से नजदीक होने के कारण यहाँ आप सुदूर देश से उढ़कर आने वाली चिड़ियों को भी देख सकते हैं।