रामेश्वरा मंदिर, कोल्लम के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और शहर के केंद्र से 10 किमी. दूर स्थित है। अपनी शानदार वास्तुकला और शानदार मूर्तियों के कारण यहां साल भर हजारों पर्यटक दर्शन करने आते हैं। इमारत की पूरी संरचना, पांडियन वास्तु तकनीक के आधार पर बनी हुई है जो मंदिर को एक अद्वितीय आर्टवर्क के रूप में निखारती है।
मंदिर के मुख्य आकर्षणों में से एक विशाल मूर्ति है जो एक पौराणिक राक्षस व्याला की है। राक्षसों की यह जीवंत मूर्तियां मंदिर को प्राचीन काल का स्पर्श देते हैं। पुरातत्वविदों और इतिहासकारों के लिए रामेश्वरा मंदिर एक प्राचीन तमिल शिलालेख है। अनुमान है कि यह शिलालेख हजारों वर्ष पुराने हैं, इन्हे लगभग 20 और 16 वीं सदी के दौरान का आंका जा रहा है।
यह मंदिर कोल्लम - आयूर रोड़ पर स्थित है और यहां तक सड़क मार्ग तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर के आसपास का वातावरण शांत, सुंदर है औ यहां की ताजी हवा पर्यटकों को देवत्व समान ताजगी से भर देती है।