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कोट्टारक्करा – कथकली का जन्मस्थान

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अपने मंदिरों और महलों के लिए प्रसिद्ध कोट्टारक्करा, कोल्लाम जिले का छोटा सा शहर है। इसका नाम मलयालम के दो शब्दों को जोडने से बनता है, वे है कोट्टारं (महल) और कारा मतलब (भूमि)। जिसको जोडने से इसका अर्थ बनता है “महलों की भूमि”, जो इतिहास के पन्नों को पलटाते ही बिल्कुल सही लगता है।

प्राचीन काल में कोट्टारक्करा “एलेयदत्तु स्वरूप” के नाम से जाना जाता था और यह क्षेत्र त्रावाणकोर शाही परिवार के अंतर्गत था। इतिहासकारों अनुसार, 14 वी सदी में यहाँ पहला राज महल बना और इस क्षेत्र के अन्य 7 महल खंडरों की अवस्था में पाए गए है।

कथकली का जन्मस्थान

कथकली का जन्मस्थान होने के कारण यह प्रदेश केरल के आधुनिक सांस्कृतिक इतिहास में एक प्रमुख स्थान हासिल करता है। प्राचीन कथा अनुसार, कथकली का जन्म कोट्टारक्का और कोषिकोडे के राजाओं के बीच पनपती दुश्मनी के कारण हुआ।

कोट्टारक्का तंपुरान (राजा) ने रामनाट्टम नामंक नृत्य कला का आविष्कार किया, जो आगे जाकर कथकली के रुप में विकसित हुई। उन्होंने इस कला को आम जनता के बीच लोकप्रिय बनाया। कोट्टारक्का के इस गौरवशाली इतिहास ने यहाँ के लोगों और उनकी संस्कृति को बहुत प्रभावित किया है।

कोट्टारक्का के पर्यटक स्थल

कोट्टारक्का में देखने के लिए केवल मंदिर और महल ही नहीं बल्कि चर्च और व्यापारिक केंदर् भी मौजूद है। कोट्टारक्का का “श्री महागणपती मंदिर” और “श्री मणिकंठेश्वर महादेव मंदिर” श्रध्दालुओं को बहुत आकर्षित करते हैं। इसके अलावा पथनपुरं, कोट्टारक्का महल और किलाहक्केत्तेरुपु आर्थडाक्स वलियपल्ली यहाँ के अन्य आकर्षक स्थल हैं।

कोट्टारक्का पहुँचने के साधन

कोल्लाम से 27 कि.मी दूर और केरल की राजधानी से 60 कि.मी दूर कोट्टारक्का, रेल और रोड मार्ग द्वारा बडी आसानी से पहुँचा जा सकता है।

कोट्टारक्का का जलवायु

कोट्टारक्का का वातावरण काफी मधुर होने के कारण, यहाँ साल के किसी भी मौसम में आया जा सकता है। यहाँ, कोट्टारक्का के साथ साथ कोल्लाम के अन्य पर्यटक स्थलों की भी सैर की जा सकती है।

कोट्टारक्करा इसलिए है प्रसिद्ध

कोट्टारक्करा मौसम

घूमने का सही मौसम कोट्टारक्करा

  • Jan
  • Feb
  • Mar
  • Apr
  • May
  • Jun
  • July
  • Aug
  • Sep
  • Oct
  • Nov
  • Dec

कैसे पहुंचें कोट्टारक्करा

  • सड़क मार्ग
    आप किसी परिवहन द्वारा रोड मार्ग से आसानी से कोट्टारक्का पहँच सकते हैं। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथानमथीट्टा, कोयम्बतूर, तेनकासी और शेंकोट्टै जैसे शहरों के लिए केरल राज्य परिवहन (के.एस.आर.टी.सी) तथा निजी बसों की सेवा उपलब्ध है। बंगलौर, कुमिली, ऊटी और मुन्नार के लिए कई निजी लक्जरी बसों की सेवा भी उपलब्ध है। शहर की सैर के लिए आप टैक्सी या रिकशा भी हायर कर सकते हैं।
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  • ट्रेन द्वारा
    कोट्टारक्का रेलवे स्टेशन शहर से केवल 2 कि. मी दूर है। जिसके कारण कोट्टारक्का का अपना कई रेलवे स्टेशन नहीं है। कोल्लम – मदुरै मार्ग पर बने इस स्टेशन पर केवल कोल्लम और पुनलूर के लिए टैनों की सेवा उपलब्ध है। कोट्टारक्का से केवल 23 कि.मी दूर कोल्लम रेलवे स्टेशन है। यहाँ से आप को केरल और भारत के किसी भी शहर के लिए ट्रेन मिल जाएगी।
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  • एयर द्वारा
    कोट्टारक्का का अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है। इस लिए तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा यहाँ का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है, जो केवल 70 कि.मी दूर है। तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा से भारत के कई शहर जैसे बंगलौर, चन्नई, मुंबई और हैदराबाद के लिए उडानों की सेवा उपलब्ध है। हवाई अड्डे से किसी टैक्सी द्वारा आप कोट्टारक्का जा सकते हैं।
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