कम्बाहरेस्वरार मन्दिर कुंभकोणम के निकट एक छोटे से गाँव थिरूभुवनम में स्थित है। हर साल पूजा के लिये आने वाले कई तीर्थयात्री इस गाँव के कुम्बरेस्वरार मन्दिर में आते हैं। गाँव में की मन्दिर हैं लेकिन कुम्बरेस्वरार मन्दिर को इन सबसे पवित्र माना जाता है।
मन्दिर के निर्माण की शुरूआत 13वीं शताब्दी के शासक राजा कुलोथुंगा द्वारा कराई गई थी। बाद में चेरन, चोल और पाण्डियन वंश के शासकों ने मन्दिर का कार्य पूरा कराया। ऐसा माना जाता है कि यह मन्दिर चोल शासकों द्वारा जीर्णोद्धार किया जाने वाला अन्तिम पवित्र स्थान था। यह मन्दिर हिन्दू भगवान शिव को समर्पित है।
मन्दिर का अग्र भाग 120 फीट ऊँचे एक रथ के आकार में है। रथ और मन्दिर के दीवारों पर हिन्दू धर्मग्रन्थ रामायण के चित्र बने हैं। हर साल हजारों की संख्या में भक्त और पर्यटक इस शानदार मन्दिर के निर्माण में प्रयुक्त बड़े बड़े पत्थरों को देखने के लिये आते हैं।