स्वामीमालाई एक शहर है जो तमिलनाडु राज्य के तंजावुर जिले में कुम्बाकोनम के समीप स्थित है। स्वामीमालाई शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है - भगवान का पहाड़, जो अपनी दिव्य उपस्थिति का अनुभव करवाता है। भगवान मुरूगन के 6 पादई विदुगल में से एक स्वामीमालाई है जहां के स्कूलों में बच्चों को पीतल के सिक्के बनाना सिखाया जाता है। इस नगर की मुख्य पैदावार चावल और चीनी है। स्वामीमालाई का वास्तविक रूप से तिरूवेराकाम के नाम से जाना जाता है।
स्वामीमालाई का इतिहास
स्वामीमालाई, कावेरी नदी की सहायक नदी के तट पर स्थित है। स्वामीमालाई में भगवान कार्तिकेय को समर्पित 6 में से 4 मंदिर स्थित है। विद्धानों को मत है कि जिस मंदिर में भी भगवान मुरूगन की उपासना होती है उसका शाब्दिक अर्थ होता है - ओम। भगवान कार्तिकेय के पिता भगवान शिव को पवित्र प्रणव मंत्र का ज्ञान था।
यहां के राजा गौपुरम मंदिर परिसर में, भगवान मुरूगन को शिक्षक के रूप में ज्ञान का देवता मानकर पूजा जाता है और भगवान शिव को उनके शिष्य के रूप में दर्शाया जाता है। स्वामीमालाई नाम इसी मंदिर के नाम पर रखा गया है जिसमें भगवान मुरूगन एक स्वामीनाथ के रूप में पूजे जाते है। इस मंदिर में सभी उत्सव धूमधाम से मनाएं जाते है।
स्वामीमालाई और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित पर्यटन स्थल
स्वामीमालाई, मंदिरों के शहर कुम्बाकोनम के पास में स्थित है जहां कई पर्यटक सैर करने आते है। स्वामीमालाई में कई प्रकार के उत्सव मनाएं जाते है। यहां हर त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। यहां रथ यात्रा भी निकाली जाती ह। इसके अलावा, अप्रैल में रथ मंदिर और मार्च में पनकुनी उट्टीरम त्यौहार मनाया जाता है।
स्वामीमालाई की सैर का सबसे अच्छा समय
स्वामीमालाई की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के दौरान होता है।
स्वामीमालाई तक कैसे पहुंचे
स्वामीमालाई तक एयर, ट्रेन और सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।