उप्पिलियप्पन मन्दिर कुंभकोणम में स्थित है और भगवान विष्णु को समर्पित है जिन्हें यहाँ भगवना उप्पिलियप्पन पेरूमल के रूप में पूजा जाता है। उनकी पत्नी भूमिदेवी तथा उनके पिता ऋषि मार्कण्डेय की भी पूजा मन्दिर में की जाती है। यह मन्दिर 108 दिव्यदेसमों में से एक के रूप में प्रसिद्ध है।
यह मन्दिर कुंभकोणम से 7 किमी की दूरी पर थंजावूर जिले के थिरूंगेस्वरम् गाँव के निकट स्थित है और सड़कमार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह मन्दिर तीर्थयात्रियों का प्रमुख स्थान है और इसे दक्षिण का तिरूपति माना जाता है।
लोककथा प्रचलित है कि मन्दिर के अन्दर नमक वाला कोई भी भोजन नहीं पकाया जाता है और यदि कोई जानबूझ कर ऐसा करता है तो देवता के क्रोध का समाना करना पड़ता है। मन्दिर से जुड़ी इस लोककथा के कारण ही भगवान विष्णु का चढ़ाया जाने वाला प्रसाद भी बिना नमक का बनता है। ब्रह्महोत्सवम् और कल्याना नाम के दो प्रमुख त्यौहार हर साल इस मन्दिर में मनाये जाते हैं।