यह मंदिर मंडी में रिजनल अस्पताल के पास में बना हुआ है। इस मंदिर में भगवान गणपति की पूजा की जाती है जिसका निर्माण सिद्ध सेन ने करवाया था जो मंडी के राजा हुआ करते थे। इस मंदिर में राजा ध्यान लगाया करते थे।
मंडी का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल यह मंदिर है जिसमें भगवान शिव को आधी नारी और आधे पुरूष के रूप में दिखाया गया है। इसमें नारी के रूप में माता पार्वती को दर्शाया गया है। भारत के पुरातत्व विभाग ने इस साइट पर काफी सर्वे किया है।
हाल ही में मंडी में सुकेन गार्डन को बनाया गया है जो एक शापिंग काम्पलेक्स है। यहां एक क्लॉक टॉवर भी है जो पगोड़ा स्टाइल में बनी हुई है। किंवदंती के अनुसार, पुराने जमाने में मंडी के राजा ने अपने नाती को मार डाला था और इसी गार्डन में दफना दिया...
यह गुरूद्वारा सिखों के 10 वें गुरू गोविंद सिंह को समर्पित है। कहा जाता है कि यहां सिख समुदाय ने एकत्र होकर मुगल शासक औरंगजेब से लड़ाई लड़ी थी। इस युद्ध के दौरान गोविंद सिंह को राज्य के राजा द्वारा काफी सर्पोट मिला था।
व्यास नदी के तट पर स्थित यह...
यहां के जिला पुस्कालय इमारत में कई पुस्तकें है। यह पुस्तकालय एमरसन हाउस के पास स्थित है।
यह पर्यटकों को पसंदीदा गंतव्य स्थल है जो उल्ह नदी के तट पर स्थित है। बरहोग गांव से जुड़े इस सेंचुरी में कई जावनर जैसे काला हिरन, हिमालय का भालू आदि है। यहां घूमने के अलावा पर्यटक यहां ठहर भी सकते है। इस सेंचुरी को घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल...
यह मठ क्षेत्र के मठों में से सबसे विख्यात है। इसे यहां पर लगी हुई ठनका चित्रों और पेंटिग्स के कारण जाना जाता है। यह पेंटिग्स, मठ के अंदर दीवारों पर लगी हुई हैं। 100 साल पुराना यह मठ उस काल की निशानी है जब तिब्बत से कई साल पहले दलाई लामा और कई...
व्यास नदी के तट पर स्थित यह मंदिर मंडी का मुख्य मंदिर है जो भगवान भीमाकाली को समर्पित है। यह भगवान बुसहार शासक के ईष्ट देवता थे। यह मंदिर बेहद सुंदर है जहां कई भगवानों की मूर्ति को प्रर्दशित किया गया है।
विद्धानों के अनुसार, भगवान कृष्ण...
यह मंडी की खुबसूरत घाटियों में से एक है जो माधौपुर किले के लिए जाना जाता है जिसे यहां के तत्कालीन राजा ने बनवाया था। इस घाटी में ही तुन्गासी किला भी बना है।
यह मंडी का परिचित धार्मिक स्थल है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में अमरनाथ की गुफा की तरह सजाया गया है।
यह मंदिर हिंदू धर्म के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है जो समुद्र स्तर से 2850 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। यह शिकारी देवी हिल्स पर स्थित है। इस मंदिर में कभी छत नहीं बन पाती। लोगों का मानना है कि मंदिर में छत का निर्माण फेल हो जाता है।
...यह मंडी का प्रसिद्ध मठ है जो रावलेश्वर झील के तट पर स्थित है जिसे नईनगम्पा के नाम से जाना जाता है। इस मठ का निर्माण 19 वीं सदी में करवाया गया था। यहां लगी पेंटिग्स इस जगह को और खुबसूरत बना देती है।
यह सेंचुरी शिकारी देवी मंदिर के पास स्थित है जिसे 1962 में वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया गया था। यहां कई प्रकार के जानवर और पशु-पक्षी पाएं जाते है जैसे- उड़न गिलहरी, मस्क हिरण, लंगुर आदि। इसके अलावा यहां कई प्रकार के वृक्ष भी पाएं जाते है जो...
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूतनाथ मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। रिकार्ड के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 1527 ई. में राजा अजवेर सेन ने करवाया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर को उस काल में बनवाया गया था जब राज्य की राजधानी को मंडी से...
यह मंदिर मंडी से 24 किमी. की दूरी पर स्थित है जो काफी सुंदर लोकेशन पर बना हुआ है। यहां पर महामाया मंदिर और सुखदेव मंदिर भी स्थित है। पहले इस मंदिर को सुकेत के नाम से जाना जाता था।
मंडी की म्यूनिसपल काउंसिल भी सुंदरनगर में ही स्थित है जो समुद्र...