वे विभिन्न कार्यक्रम, शो और दान प्राप्त करने के प्रयासों का आयोजन करते हैं तथा शहर के विभिन्न त्योहारों जैसे दुर्गा पूजा और दीवाली से दशहरा और काली पूजा में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। गतिविधियों के स्तर को देखते हुए तथा प्रतिवर्ष यहाँ आनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या को देखते हुए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस्कॉन ने मायापुर को अपना मुख्यालय चुना है।
विविधता में एकता – मायापुर तथा इसके आसपास पर्यटन स्थल
मायापुर गंगा नदी एक तट पर बसा हुआ है जहाँ गंगा नदी जलांगी नदी से मिलती है। यह चैतन्य महाप्रभु के जन्म स्थान के रूप में भी प्रसिद्ध है जो भगवान कृष्ण के अवतार कहे गए हैं। हिंदू और मुस्लिमों के बीच एक रोचक संघर्ष यह था कि पहले शायद इस शहर को मियांपुर कहा जाता था, हालाँकि अब यह संघर्ष शांत हो गया है।
मायापुर के ऐतिहासिक केंद्रीय स्थल में बहुत बड़ी संख्या में मुस्लिम रहते हैं तथा वे जिस प्रकार इस हिंदू प्रधान बस्ती में रहते हैं वह सराहनीय है! आपको श्रीला प्रभुपाद समाधि मंदिर की सैर अवश्य करनी चाहिए जो इस्कॉन के स्थापक को समर्पित है।
मायापुर का भोजन
मायापुर के भोजन का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है। यह शाकाहारियों के लिए स्वप्न पूर्ण होने के समान है जहाँ कई स्थानीय होटल और रेस्टारेंट स्वादिष्ट बंगाली पकवान उपलब्ध कराते हैं। मायापुर में स्ट्रीट कल्चर (सड़क संस्कृति) प्रचलित है तथा यहाँ पारम्परिक और रिटेल दोनों प्रकार शॉपिंग की जा सकती है।
मायापुर कोलकाता से केवल 2 किमी. की दूरी पर स्थित है तथा यहाँ एक दो दिन आसानी से बिताए जा सकते हैं। यह पश्चिम बंगाल के अन्य शहरों के निकट ही स्थित है जिसमें हुगली भी शामिल है। हुलर घाट से नौका द्वारा भी यहाँ पहुंचा जा सकता है।
मायापुर की यात्रा के लिए उत्तम समय
मायापुर की यात्रा के लिए उत्तम समय ठंड का मौसम होता है जब मौसम खुशनुमा होता है।