मिर्ज़ापुर उत्तरप्रदेश का एक जिला है, जिसमें मिर्ज़ापुर जिला मुख्यालय है। मिर्ज़ापुर के मुख्य आकर्षणों में, ब्रिटिश काल में बनाये गए कई घाट एवं ऐतिहासिक संरचनाएं हैं। हालांकि सभ्यता के चिन्ह यहाँ 5000 ईस्वी से मिलते हैं परंतु वास्तविक रूप से इसकी स्थापना ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा वर्ष 1735 में की गई थी।
बेलन नदी घाटी क्षेत्र में चित्रित चट्टानें एवं अन्य कई कलाकृतियाँ मौजूद है जो इस बात का प्रमाण हैं कि पुरापाषाण काल में यहाँ जीवन उपस्थित था। विन्ध्य श्रेणी में पाए जाने वाले बलुआ पत्थरों पर कुछ आश्चर्यजनक पेट्रोग्लिफ (चट्टानों पर खिंची गई रेखाएं) मिलते हैं जो 17000 ईस्वी से भी पुराने हैं।
यही कारण है कि यह जिला कई इतिहासकारों एवं पुरातत्ववेत्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करता है एवं यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या भी काफी अधिक है जो यहाँ की ऐतिहासिक इमारतों के अतिरिक्त सुंदर घाटों को देखने के लिए आते हैं। धार्मिक त्योहारों के अवसर पर दियों से सजे हुए ये घाट बहुत सुंदर दिखाई देते हैं। मिर्ज़ापुर अपने कालीन(गलीचे) एवं पीतल उद्योग के लिए भी जाना जाता है।
मिर्ज़ापुर एवं इसके आसपास के पर्यटन स्थल
अपने ऐतिहासिक महत्व एवं पुरापाषाण काल के अतिरिक्त मिर्ज़ापुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। इस जिले में आप टांडा फाल्स, सिरसी बाँध एवं मेजा बाँध देख सकते हैं। पक्का घाट एवं नर घाट कुछ प्रसिद्ध घाटों में से हैं। मिर्ज़ापुर में कई त्यौहार एवं मेले आयोजित किये जाते हैं जिनमें ओझाला मेला, विंध्यवासिनी जयंती समारोह, झूलनोत्सव, लोहंदी मेला एवं कंतित मेला सम्मिलित हैं। यहाँ आप चुनर किला एवं भगवान् शिव को समर्पित काल भैरव मंदिर भी देख सकते हैं।
मिर्ज़ापुर भ्रमण के लिए उत्तम समय
मिर्ज़ापुर भ्रमण के लिए उत्तम समय नवंबर से अप्रैल के बीच का है जब तापमान कम होता है एवं मौसम सुहावना होता है।
मिर्ज़ापुर कैसे पहुंचें
मिर्ज़ापुर रेल एवं सडक द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।