राजकोट पर्यटन - महात्मा गांधी के लकड़कपन का घर
राजकोट, सौराष्ट्र राज्य की पूर्व राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। हालांकि, राजकोट अब कोई राजधानी नहीं है लेकिन इसका अतीत अत्यंत सुंदर और गरिमामयी है। ऐतिहासिक......
अहमदाबाद - एक उभरते शहर की कहानी
गुजरात राज्य का एक ऐसा शहर जो हमेशा से ही विरोधाभासी रहा है, जहां एक ओर गुजराती लोग, सारी दुनिया में मास्टर बिजनेसमैन के नाम से जाने जाते है वहीं इसी शहर में ही गांधी......
जूनागढ़ - किसी युग में डेरा डालना
गुजरात में बहुत कम स्थान हैं, जो जूनागढ़ की तरह विविधता प्रदान करते हैं। गिरनार सीमा की तलहटी में स्थित, जूनागढ़ का नाम 320 ई.पू. के दौरान चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा निर्मित किले......
मांडवी – बंदरगाह और आत्माओं की थिरकन
मांडवी कच्छ का प्रमुख बंदरगाह है तथा मुंबई या सूरत के पहले यह गुजरात का भी प्रमुख बंदरगाह था। पूर्वी अफ्रीका, फारस की खाड़ी, मालाबार तट और दक्षिण – पूर्वी एशिया से जहाज......
वांकानेर - निहारने लायक अद्भुत दर्शनिय स्थल
वांकानेर का नाम इसके लोकेशन पर पड़ा। यह मच्छु नदी के पानी या 'नेर' के मोड़ या 'वांका' पर स्थित है। वांकानेर झाला राजपूतों द्वारा शाशित राजसी राज्य था इसलिए इसे झालावर के नाम से भी......
पोरबन्दर - जहां से किवदंतियां प्रारम्भ हुईं
पोरबंदर गुजरात का बंदरगाह वाला एक प्राचीन शहर है। कटिहार के तट पर स्थित यह शहर आमतौर पर गांधी जी के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। पोरबंदर तथा आसपास के पर्यटन स्थलपोरबंदर......
गिर राष्ट्रीय उद्यान - चमत्कारिक वन्यजीव की ओर
गिरनार जंगल के करीब है गिर राष्ट्रीय उद्यान। निश्चित तौर पे जब लोग गिरनार पहाड़ियों का दौरा कर रहे हों तो गिर जंगल को अपने कार्यक्रम में शामिल कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान......
गांधीधाम - एक सभ्य शहर
भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से बड़ी संख्या में सिंधी भारत आ गए। पाकिस्तान के इन शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए गांधीजी के अनुरोध पर कच्छ के महाराज विजयराज जी खेंगार जी जडेजा ने......
धोलावीरा - हड़प्पा का शहर
धोलावीरा को यहां पाए गए हड़प्पा सभ्यता के अवशेष ने प्रसिद्ध बनाया है। यह जगह सिंधु घाटी सभ्यता की महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक है, धोलावीरा कच्छ के रण में खदिर बेट......
भुज - राजहंसों का विश्राम गृह
भुज गहरी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ एक शहर है और यह कच्छ का जिला मुख्यालय भी है। शहर का नाम पहाड़ी भुजियो डुंगर के नाम पर पड़ा है, जो शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसे......
भावनगर - एक पुरस्कृत शहर
भावनगर मुख्य रूप से कपास उत्पादों से सम्बन्धित गुजरात के महत्वपूर्ण व्यापार केन्द्रों में से एक रहा है। शहर समुद्र के व्यापार, जवाहरात और चांदी के आभूषणों के कारोबार में भी......
गिरनार - पहाड़ों पर है तीर्थस्थलों की भरमार
गिरनार हिंदू और जैन धर्मावलंबियों दोनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। वास्तव में गिरनार पहाड़ियों का एक समूह है, जिसे गिरनार हिल्स के नाम से जाना......
जामनगर – जामों का शहर
1540 ई. में जाम रावल ने जामनगर शहर को नवानगर रियासत की राजधानी के रूप में स्थापित किया। यह शहर रणमल झील के इर्द-गिर्द बसा है तथा रंगमती और नागमती नदियों के संगम पर स्थित है। बाद......
गांधीनगर- गुजरात की राजधानी
साबरमती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित गांधीनगर गुजरात की नवीनतम राजधानी है। आज़ादी के बाद 1960 में जब मुम्बई को महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित किया गया, तब गांधीनगर को गुजरात की......
गोंडल - विशिष्ट कारों का राजसी राज्य
गोंडल आज़ादी के पहले काठियावाड़ के आठ राजसी राज्यों में से एक माना जाता था। यहाँ के राजाओं को कारों के प्रति सम्मोहन था और इसलिए उस समय भी गुजरात के गोंडल में रोड की स्थिति काफी......
कच्छ पर्यटन – भीतरी क्षेत्र में प्रवेश करें
संस्कृत में कच्छ शब्द का अर्थ होता है द्वीप। इसका सम्बन्ध उस तथ्य से है जब प्राचीन काल में कच्छ के रण अर्थात मरूस्थल, यहाँ से बहकर समुद्र में मिलने वाली सिन्धु नदी के कारण दब......
खेड़ा – इतिहास से समृद्ध
बहुत पहले खेड़ा को “हिडिम्बा वन” भी कहा जाता था क्योंकि ऐसा माना जाता था कि हिडिम्बा से शादी करने के लिए महाभारत के भीमसेन ने इस स्थान पर एक राक्षस को मारा था। खेड़ा......