गांधी स्मारक की आधारशिला 1972 में रखी गई थी। गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित विद्याकर कवि ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। स्मारक का स्तंभ महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह को समर्पित है। इस सत्याग्रह के जरिए महात्मा गांधी ने अंग्रजी शासन द्वारा चंपारण के...
मोतीहारी के बीचों—बीच स्थित मोतीहारी झील का विशेष ऐतिहासिक महत्व है। झील के दोनों ओर का प्राकृतिक परिवेश बेहद खूबसूरत है। यह झील मोतीहारी के सबसे ज्यादा चर्चित पर्यटन स्थलों में से एक है और नियमित रूप से बिहार आने वाले पर्यटक बड़ी संख्या में यहां आते हैं।...
केसरिया में विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 1998 में इसकी खोज की थी। यह स्तूप 104 फीट ऊंचा है और यह जावा के बोरबोडोर स्तूप से भी ज्यादा बड़ा है। पहले ऐसा कहा जाता था कि यह 150 फीट ऊंचा था, पर 1934 में आए भूकंप के कारण इसकी ऊंचाई 104...
लौरिया अरेराज से सिर्फ 2 किमी दूर बेतिया-अरेराज रोड पर स्थित है।
चाकिया बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित है। एक महत्वपूर्ण व्यवसायिक कस्बा होने के साथ-साथ यह नगर पंचायत भी है। यहां एक रेलवे स्टेशन भी है जो बौद्ध तीर्थस्थल केसरिया स्तूप के पास में ही है।