लगभग 500 साल पहले बनी इस दरगाह को खाजा मीरसाहब की दरगाह भी कहा जाता है। हर धर्म के लोग इस दरगाह में माथा टेकने आते है।
दरगाह पर हर साल एक उर्स का भी आयोजन किया जाता है।
लगभग 500 साल पहले बनी इस दरगाह को खाजा मीरसाहब की दरगाह भी कहा जाता है। हर धर्म के लोग इस दरगाह में माथा टेकने आते है।
दरगाह पर हर साल एक उर्स का भी आयोजन किया जाता है।