पंचगनी और महाबलेश्वर दो हिल स्टेशन हैं जो सौंदर्य को पुनः परिभाषित करते हैं। यहाँ का अमर सौंदर्य सालाना पर्यटकों, घरेलू लोगों और अन्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता आ रहा है। पंचगनी की खोज ब्रिटिश लोगों द्वारा की गई जब वे भारत पर राज्य करते थे। इतिहास बताता है कि एक अधीक्षक जिन्हें जान चेसोन के नाम से जाना जाता है वे गर्मियों के इस प्रसिद्ध स्थान की देखभाल के लिए नियुक्त किये गए थे। पंचगनी का अर्थ है पाँच पहाडियाँ और यह समुद्र सतह से लगभग 1,350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्द यह स्थान ब्रिटिश लोगों के लिए गर्मियों में एक आश्रय स्थल था और आज भी यहाँ का शांत और ठंडा मौसम लगातार गर्म और झुलसे हुए पठार से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मानसून स्वयं इन पहाड़ी स्टेशनों के असली जादू में अतिरिक्त खुशी के रूप में प्रारंभ होता है – यहाँ के पहाड़ जादुई झरनों और सँकरे, छोटी तथा घुमावदार धाराओं से आच्छादित हो जाते हैं।
पंचगनी – किसी के लिए और सभी के लिए गंतव्य
चाहे आप पहली बार यात्रा कर रहे हों या हमेशा यात्रा करते हों, पंचगनी की निराली पहाडियाँ सभी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। दूर पहाड़ियों से परे स्वप्न की तरह सूर्यास्त देखना, स्ट्राबेरी तोड़ने के मौसम का आनंद उठाना, आराम से नाव की सवारी करना या अगर आप कुछ और साहसिक कार्य करना चाहते हैं तो पैराग्लाइडिंग करना आदि यहाँ उपलब्ध है और यहाँ आपके विकल्प कभी खत्म नही होंगे!
पंचगनी पश्चिमी भारत में आसानी से उपलब्ध एक बेहतरीन पैराग्लाइडिंग स्थान है। 4500 फीट की ऊँचाई पर स्थित साँस रोकने वाली घाटियाँ, ताज़ा हवाएँ, मंत्रमुग्ध के देने वाले दृश्य – अनेक ऐसे रोमांचक उड़ान स्थल अनेक सुंदर दृश्यों का अनुभव लेने में आपकी सहायता करते हैं। यदि आप पैराग्लाइडिंग में नौसिखिया हैं तो आप अनुभवी पायलटों के साथ उड़ान का विकल्प चुन सकते हैं।
पंचगनी – प्रकृति प्रेमियों के लिए एक खुशी
यदि आप अपने आसपास शांत हरियाली चाहते हैं तो यहाँ अनेक आकर्षण हैं जो आपकी यात्रा के आनंद को और अधिक बढ़ा देंगे। व्यापक धूम बांध वाई गांव के निकट एक प्रमुख नौका विहार स्थल है जहाँ से रमणीय कृष्णा नदी बहती है।
प्रचुर हरी भरी कृष्णा नदी के ऊपर से देखने पर आप प्रसिद्द पारसी पॉइंट और सिडनी पॉइंट देख सकते हैं जो पिकनिक, बाहरी गतिविधियों और सिर्फ अलसाने के लिए उपयुक्त स्थान है। पंचगनी बस स्टैंड से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर इस सुरम्य चट्टान को यदि आपने नही देखा तो आपने पंचगनी देखा ही नही। भिलार जलप्रपात मानसून के दौरान सबसे अच्छा दिखता है। शायद सबसे अधिक प्रतिष्ठित टेबललेंड समतल पठार के निर्माण का व्यापक विस्तार है जो उन साहसिकों के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है जो विभिन्न रोमांचकारी गतिविधियों जैसे घुड़सवारी और पैरासेलिंग करना पसंद करते हैं।
यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो शेरबाग जगह आपके लिए है। प्राकृतिक रूप से अच्छी तरह से आरेखित इस परिदृश्य में बच्चों के लिए एक अद्भुत पार्क है जहाँ कई पक्षी, खरगोश, टर्की और हँस रहते हैं। ऐतिहासिक गुफाओं और मंदिरों की विस्तृत सरणी की जाँच करें परंतु भीम चौला (राक्षस की रसोई ) और हरीसन की घाटी को देखना न भूलें।
एक विचित्र, मोहक हिल स्टेशन
पंचगनी में उपनिवेशी युग के कई विलक्षण कॉटेज मौजूद हैं। ये किराये पर उपलब्ध हैं और पर्यटक बड़े शहरों की हलचल से दूर सप्ताहांत के कुछ शांत दिन यहाँ बिता सकते हैं। यह स्थान कई इमारतों और स्मारकों ,पारसी घरों और अन्य कई स्थानों पर गौरव करता है जिनकी वास्तुकला ब्रिटिश युग से प्रभावित है।
पंचगनी में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत कम है और यह अत्यधिक शुद्ध वातावरण का दावा करता है। इस क्षेत्र का मौसम उन लोगों के लिए लाभदायक है जो किसी बीमारी से उबर रहे हैं क्योंकि न सिर्फ यह आपके दिमाग का कायाकल्प करता है बल्कि आपके शरीर को घाव भरने की प्रक्रिया की ओर ले जाने में सहायता भी करता है। वे लोग जो तपेदिक की बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें आनंददायक स्वास्थ्यलाभ के लिए यहाँ अवश्य आना चाहिए।
स्वयं का वाहन चलाते हुए पंचगनी जाना विस्मयकारी प्रेरणास्पद और विलक्षण सुंदर होता है। यदि आप मुंबई से यात्रा कर रहे हैं तो आप मुंबई-पुणे राजमार्ग का उपयोग कर सकते हैं जो आपको पहले पंचगनी पहुँचायेगा। अन्यथा यदि आप मुंबई से गोवा रोड पर जाते हैं तब पोल्हातपुर पर बाएं मुड़ने के बाद और ऊपर पहाड़ी पर जाने पर आप पहले महाबलेश्वर पहुँचते हैं। पंचगनी पहाड़ी के नीचे के रास्ते पर है जो सतारा की ओर जाता है। यदि आप बहुत बड़े समूह में यात्रा कर रहे हैं तो यह बुद्धिमानी होगी कि आप पंचगनी – महाबलेश्वर रोड पर अंजुमन ए इस्लाम शाला के सामने स्थित बंगले किराये पर लें।
इस स्थान को घूमने के लिए उत्तम समय सितंबर से मई तक है जब मानसून धीमा पड़ जाता है। ठंड में पंचगनी का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस होता है और गर्मियाँ भी मुख्य रूप से ठंडी होती हैं। पंचगनी अनिवार्य रूप से साल भर का गंतव्य है इसलिए जून से सितंबर के भारी वर्षा के दिनों में भी परिवार और पर्यटक इस जगह पर आते हैं और गीली धरती की सुगंध और हरी भरी धरती की ईश्वरीय सुंदरता में खो जाते हैं।