अंबोली, महाराष्ट्र राज्य में लगभग 700 कि.मी. की ऊँचाई पर बना एक सुंदर व छोटा सा हिल स्टेशन है। यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सह्याद्री पर्वतमाला में बना है जो सिंधुदुर्ग जि़ले में है।
अंबोली - ऐतिहासिक महत्व
ब्रिटिश शासन के दौरान अंबोली शहर का उपयोग एक ऊँची पोस्ट के रुप में होता था जहाँ से मध्य व दक्षिण भारत में सैनिकों के लिए चौकियाँ बनाई जाती थीं। 1880 में अंबोली को एक हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया।सावंतवाड़ी के स्थानीय लोगों ने अंग्रेज़ों से भी पहले इस जगह की खूबसूरती को खोज लिया था। मानसून में महाराष्ट्र का सबसे अधिक बारिश वाला स्थान होने के कारण अंग्रेज़ों ने मेथरन को गर्मियों में अपना पसंदीदा स्थल बना लिया। परिणामस्वरुप एक लंबे समय तक महाराष्ट्र के नक्शे पर अंबोली एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा।
एक विचित्र हिल स्टेशन
सप्ताहांत बिताने के लिए अंबोली एक बहुत अच्छी जगह है, साथ ही रोमांटिक स्थान भी है। भागती-दौड़ती जि़ंदगी की रफ़्तार कुछ कम करने के लिए आप यहाँ आ सकते हैं। अंबोली ,झरनों का स्वर्ग है। यहाँ पाए जाने वाले अनेक झरनों में से कुछ झरनें हैं-श्रीगाँवकर झरना, महादेव झरना तथा नंगर्ता झरना। नंगर्ता झरना पिकनिक और आराम के लिए एक बेहतरीन जगह है। हिरण्यकेषी झरने की गुफाओं के मुख के पास एक छोटा सा पुरातन षिव मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं शिवजी ने बनाया था। हिरण्यकेषी मंदिर को यह नाम पार्वती से मिला जो उन्हीं का एक नाम है।
एक हिल स्टेशन होने के कारण, अंबोली में अनेक दशनीय स्थल हैं। जैसे-सी व्यू प्वाइंट, कावेलसद प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट और महादेव प्वाइंट। इन सभी जगहों से अरब सागर और कोंकण तट के संगम के मनोरम दृष्य देखे जा सकते हैं।
कब और कैसे जाएं
चूंकि अंबोली एक हिल स्टेशन है, इसलिए गर्मियों में जाना अच्छा रहेगा क्योंकि अधिक ऊँचाई पर होने से गर्मियों में यहाँ का मौसम ठंडा रहता है। मानसून में तापमान 20डिग्री से. हो जाने से इस जगह पर रहना सुखद होता है। सर्दियों में भी यहाँ आना अच्छा रहेगा।
सावंतवाड़ी और गोवा के पास होने से वायु, रेल व सड़क द्वारा आप आसानी से अंबोली पहुँच सकते हैं। वायुमार्ग से आने के लिए लगभग 70कि.मी. की दूरी पर स्थित गोवा का घरेलू हवाई अड्डा सबसे समीप है। रेलमार्ग से आने के लिए सावंतवाड़ी रेलवे स्टेशन का प्रयोग किया जा सकता है।
रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर आप अंबोली पहुँच सकते हैं। 550 कि.मी. की दूरी पर मुंबई और 400कि.मी. की दूरी पर पुणे होने से अनेक बसें न केवल इन दो शहरों से बल्कि अन्य शहरों से भी उपलब्ध होती है, जिनकी सहायता से आप सड़कमार्ग से पहुँच सकते हैं।