इस जगह को 1971 में लोकप्रिय बी एस कुलकर्णी ने पहचान दी और नंनाज- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभयारण्य नाम दिया। दरअसल, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड एक स्थानीय पक्षी का नाम है जोकि इस इलाके में पाया जाता है।
पक्षी जगत में यह एक अत्यंत दुर्लभ पक्षी है। यह अभयारण्य 8500 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें कई जानवर भी है जिनके खेल और नटखट हरकतें आप देख सकते है।