सोंडा आने वाले पर्यटकों को वादिराजा मठ जाने की सलाह दी जाती है, जो गांव के मुख्य आकर्षणों में से एक है। मठ ऊंची पहाड़ियों, घने जंगल, सुंदर हरियाली और एक नदी से घिरा हुआ है, जो यहां आने वालों के लिये मनोरम दृश्य प्रदान करते हैं।
जो पर्यटक सोंडा घूमने की योजना बना रहे हैं उन्हें शिवगंगा जलप्रपात जाने की सलाह दी जाती है, यह वह जगह है जहां से शलमाला नदी शुरू होती है। यह झरना 74 मीटर की ऊँचाई से गहरी घाटी में गिरता है, जो घनी सुंदर फुलवारी से घिरी हुई है। झरने के पास एक छोटा सा टापू है,...
पर्यटक तपोवन भी जा सकते हैं, यह वो जगह है जहां पर श्री वादिराजा स्वामी जब सोंडा आते थे तो यहां ध्यान करते थे। यह स्थान वादिराजा मठ से 5 किलोमीटर दूर शालमाला नदी के तट पर स्थित है। माना जाता है कि यह स्थान ध्यान के लिये उपयुक्त जगह है,...
मुत्तिनाकेरे पक्षी अभयारण्य सोंडा गांव के मुख्य आकर्षणों में से एक है। अभयारण्य मुत्तिनकेरे झील पर स्थित है। पक्षियों की कई प्रजातियां इस अभयारण्य में जून से अक्टूबर के अंत तक यहां प्रजनन के लिये आती हैं।
श्री त्रिवीकर्मा मंदिर सोंडा नाम के एक छोटे से गांव का मुख्य आकर्षण है। यह माना जाता है कि मंदिर का निर्माण रामा त्रिवीकर्मा देवारु के लिये अरासप्पा नायका द्वारा बनवाया गया था और इस पवित्र स्थल को श्री भूटा राजा ने बद्रीकाशर्मा के श्री वदिराजा तीर्थ...
हुनासेहोंडा वेंकटारामा मंदिर भगवान वेंकटारामा को समर्पित मंदिर है, जो सोंडा में सबसे छोटे मंदिरों में से एक है। अगर समय अनुमति दे तो पर्यटक इस मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी को देखने, पास में बनी झील के चारों तरफ घूमने और दैनिक प्रार्थनाओं में शामिल होने...
सोंडा की यात्रा पर जा रहे पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वह मुत्तिनकेरे वेंकटारामा मंदिर जा सकते हैं, जो मुत्तिनकेरे झील के पास स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 17वीं सदी में किया गया था और यहां विजयनगर शैली की वास्तुकला प्रदर्शित है।