कप्पल माता चर्च सेंट मैरी को समर्पित है। यह समुद्र तट पर स्थित है तथा एक जहाज के रुप में बनाई गई है। समुद्र के कटाव के कारण मूल कप्पल माता चर्च नष्ट हो गई थी। 1974 में इस मूल कप्पल माता चर्च के अवशेषों पर एक नई चर्च बनाई गई है।
इस चर्च की भी अपनी कई प्रथाएं और धारणाएं हैं। उन में से एक धारणा यह है कि जो नवयुवती इस आश्रम को देखने आती है उसे एक रात के लिए यहां रुकना होगा। कहा जाता है कि एक बार सेल्वामाता की मूर्ति के ऊपर लगभग एक घंटे के लिए एक रोशनी दिखाई दी जबकि इस प्रकाश के लिए ना तो कोई दीपक या मोमबत्ती जलाई गई थी।
इसलिए 18 सितंबर के दिन हुई इस घटना को हर साल चर्च में बड़े धूमधाम से तथा भव्यता के साथ मनाया जाता है। कई वर्षों तक इस चर्च को गोवा मिशन द्वारा चलाया गया था। यह चर्च तिरुनेलवेली से 75 किलोमीटर दूर, उवरी नामक एक तटीय गांव में स्थित है।