रसिया की टेकडी टोंक शहर का प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। एक लोककथा के अनुसार इस स्थान का नाम एक कायस्थ प्रेमी के नाम पर पड़ा जो इस स्मारक पर प्रेमगीत गाता था। वर्ष 1859 में श्री अंबाजी महाराज ने इसका पुनर्निर्माण करवाया और उसके बाद टोंक के गवर्नर ने कायस्थ प्रेमी की याद...
टोंक की जामा मस्जिद भारत की बड़ी मस्जिदों में से एक है। और बीते युग की मुगल वास्तुकला को प्रदर्शित करती है। इसके निर्माण का प्रारंभ टोंक के प्रथम नवाब, नवाब आमिर खान ने ईसा पश्चात 1246 में किया था और अंततः ईसा पश्चात 1298 में नवाब विज़रुदौला के शासन में यह मस्जिद...
बीसलपुर राजस्थान के टोंक जिले में स्थित एक गाँव है और यह अपने भगवान गोकर्णेश्वर के प्राचीन मंदिर के लिए प्रसिद्द है। बनास नदी पर बनाया गया बीसलपुर बाँध बीसलपुर का दूसरा आकर्षण है जो इस गाँव को चर्चा में लाता है। यह बाँध दो चरणों में बनाया गया। पहले चरण का उद्देश्य...
कल्पवृक्ष एक ऐतिहासिक वृक्ष है जो टोंक जिले के बलुंदा गाँव में स्थित है। इस वृक्ष को पवित्र माना जाता है और कार्तिक महीने में अनेक लोग इस वृक्ष का दर्शन करने के लिए आते हैं। लोगों का ऐसा विश्वास है कि यह वृक्ष उन भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी करता है जो यहाँ आकर पूजा...
शिवाजी गार्डन नेवई शहर की भगत सिंह कॉलोनी में स्थित है जो टोंक से 30 किमी. की दूरी पर है। यह गार्डन जो मैसूर के गार्डन के समान है और हीरन मगरी पार्क सुंदर पर्यटन स्थल हैं। संगीतमय फ़व्वारे और स्वीमिंगपूल गार्डन की शोभा बढ़ाते हैं जो लगभग पाँच एकड़ के विस्तृत क्षेत्र...
जलदेवी मंदिर तोडा राय सिंह शहर के पास बावड़ी गाँव में स्थित है। यह मंदिर जलदेवी को समर्पित है और इसका निर्माण 250 वर्ष पूर्व हुआ था। लोगों का ऐसा विश्वास है लगभग 400 वर्ष पहले तक देवी की मूर्ति पास के एक कुएं में थी। चैत्र पूर्णिमा के समय इस मंदिर में तीन दिन का एक...
बनास नदी के किनारे स्थित राजमहल दुनिया भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। वह स्थान जहाँ राजमहल स्थित है, तीन नदियों बनास, खारी और दाई नदियों का संगम है। पर्यटक सलाम सिंह की डाह में नाव की सवारी कर सकते हैं। राजमहल का ऐतिहासिक स्मारक काकोर में बड़े...
नागर किला एक ग्राम पंचायत है जिसे पहले धारा नगारी के नाम से जाना जाता था। इस गांव में कार्तिक पूर्णिमा के दौरान एक मेले का भी आयोजन किया जाता है। इस गांव में एक पवित्र तालाब और कई सारे मंदिर भी हैं। गौतम मंदिर, माता मंदिर, श्याम मंदिर, चारभुजा मंदिर और पंचकुइयन...
चंद्लाई एक गाँव है जो टोंक – कोटा रास्ते पर टोंक से 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसकी स्थापना चंद्लाई ने की थी जो उस समय टोंक का शासक था। उसने गाँव के पास एक पक्का तलब भी बनवाया और उसका नाम अपनी बेटी के नाम पर भाला रखा। तालाब की दीवार पर उनके शिलालेख बैसाख...
घंटा घर टोंक का ऐतिहासिक महत्व का स्थान है। इसका निर्माण टोंक के नवाब मोहम्मद सादत अली खान ने 1937 में किया था। स्थानीय लोगों के अनुसार सन 1936 में इस स्थान के लोग हैजे की महामारी से पीड़ित हुए थे। नवाब ने इन ग्रसित लोगों में दवाईयां बांटी और एकत्रित धनराशि का...
मंदाकला राजस्थान के टोंक जिले में स्थित एक गाँव है और यह नगर किले से 2 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसे राजस्थान का मिनी पुष्कर (लघु पुष्कर) भी कहा जाता है। यहाँ अनेक वृक्ष और हरियाली है जो प्रकृति प्रेमियों को प्रसन्न करती है।
ऐसा माना जाता है कि ऋषि मांडव...
सुनहरी कोठी जिसे शीश महल भी कहा जाता है एक बहुत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है जो प्रतिवर्ष हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस स्मारक की आंतरिक दीवारों पर सोने की पॉलिश की गई है और इन पर हीरों और कांच की कलाकारी की गई है।
यह महल टोंक में नजर बाग़...
टोडा राय सिंह राजस्थान के टोंक जिले में स्थित एक शहर और नगरपालिका है। इसकी स्थापना चौथीं शताब्दी में नगास द्वारा की गई और बाद में इस पर चत्सू के युहिलस और अजमेर के चौहानों ने राज्य किया। 15 वीं और 16 वीं शताब्दी के दौरान यह सोलंकी राजपूतों की राजधानी थी। इस शहर का...
हाथी भाता पर्यटन का एक प्रमुख आकर्षण है जो टोंक शहर से 22 किमी. की दूरी पर स्थित है। ईसा पश्चात 1200 में राम नाथ सलत द्वारा बनाया गया यह स्मारक कलाकारों की कला की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करता है जिन्होंने एक पत्थर से नक्काशीदार हाथी बनाया है। हाथी के दाहिने कान पर...