अनेगुड्डे का मतलब है हाथी नुमा पहाड़ी और यह हिन्दू देवता, श्री विनायक के स्थान के रूप में जाना जाता है। यह परशुराम सृष्टि में सात तीर्थ स्थलों में से एक है इसलिए यह जगह तीर्थयात्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि यह क्षेत्र ऋषि परशुराम द्वारा स्वयं बनाया गया था।
श्री विनायक की मुख्य मूर्ति चांदी से कवर की गई एक विशाल और भव्य मूर्ती है। इस मूर्ति की अनूठी विशेषता इसका खड़ा हुआ आसन है। यहां भक्तों के लिये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण तुलाभरम है, जिसमें भक्त अपने वजन के बराबर क़ीमती सामान की पेशकश मंदिर में करते हैं। मंदिर के चारों ओर दीवारों पर भार्गव पुराण से चित्रण की गई मूर्तियां उत्कीर्ण हैं।
जगह कुंदापुर से 9 किलोमीटर और मंगलौर से लगभग 84 किलोमीटर की दूरी पर है, जो कुंभाषी में स्थित है। जगह एनएच 17 पर ही स्थित है। इस जगह के लिये मंगलौर, उडुपी और कुंदापुर से लगातार बस सेवाएं हैं। निकटतम हवाई अड्डा मैंगलोर में है।