आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित विजयवाड़ा राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर तीन तरफ पानी से और एक तरफ पहाड़ से घिरा हुआ है, जिससे इसकी प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। विजयवाड़ा कृष्णा नदी के तट पर बसा है, जो कि शहर के दक्षिणी भाग से होकर गुजरती है।
वहीं शहर के उत्तरी भाग से बुड़ामेरू नदी बहती है। बंगाल की खाड़ी विजयवाड़ा के पूर्व में है, जबकि इंद्रकीलाद्री पहाड़ पश्चिम की ओर है। शहर से पश्चिम की ओर बाहरी इलाके में कोंडापल्ली रिजर्व फॉरेस्ट स्थित है, जो शहर को एक हरा-भरा माहौल उपलब्ध कराता है। विजयवाड़ा का अर्थ होता है- विजय स्थान। यह नाम शहर की देवी कनक दुर्गा के नाम पर पड़ा है, जिसे ‘विजया’ के नाम से भी जाना जाता है।
विजयवाड़ा बैजवाड़ा के नाम से भी प्रसिद्ध है, जो कि शहर का पुराना नाम है। विजयवाड़ा देश का एक जाना माना पर्यटन स्थल है। यह रसीले आम, विभिन्न प्रकार की मिठाइयों और कई खूबसूरत झरनों के लिए जाना जाता है।
आज के समय में विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश का एक प्रमुख व्यापारिक और व्यवसायिक केन्द्र है। यहां कई प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान भी देखे जा सकते हैं। आज विजयवाड़ा विश्व के सर्वाधिक तेजी से विकसित होते शहरों में से एक है और मैकिंसे क्वाटेरली पत्रिका ने इसे भविष्य का ग्लोबल सिटी करार दिया है।
इतिहास पर एक नजर
विजयवाड़ा कई राजवंशों के उत्थान और पतन का साक्षी रहा है। यहां ओडिशा के गाजापथियों से लेकर पूर्वी चालुक्य और विजयनगर साम्राज्य के शक्तिशाली राजा कृष्णा देव राया ने शासन किया। विजयवाड़ा का उल्लेख कई पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। ऐसी मान्यता है कि महाभारत के महान योद्धा अर्जुन को भगवान शिव ने इंद्रकीलाद्री पहाड़ पर ही आशीर्वाद दिया था।
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार देवी दुर्गा ने महिसासुर नामक राक्षस का वध करने के बाद इसी स्थान पर आराम किया था। एक पौराणिक कथा में इस बात का उल्लेख मिलता है कि इसका नाम बैजवाड़ा क्यों पड़ा। इसके अनुसार नदी की देवी कृष्णा के अनुरोध पर अर्जुन ने पहाड़ में एक बेजम (सुराख) बनाया था, ताकि वह बंगाल की की खड़ी से मिल सके। यहां की गर्म जलवायु को देखते हुए अंग्रेजों ने इसका नाम ब्लैजवाड़ा रखा था।
विजयवाड़ा और आसपास के पर्यटन स्थल
विजयवाड़ा में पर्यटन के काफी विकल्प हैं। कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों में कनक दुर्गा मंदिर और दक्षिण भारत का सबसे पुराना वैष्णव मंदिर मंगलगिरि शामिल है। यहां का अमरावती शिव मंदिरों के लिए जाना जाता है, जिसे अमरेश्वर भी कहा जाता है। इसके अलावा गुनाडाला या सेंट मैरी चर्च का भी विशेष धार्मिक महत्व है।
विजयवाड़ा जाने पर मोगलराजपुरम की गुफाएं, उंडावल्ली की गुफाएं, गांधी हिल पर स्थित गांधी स्तूप, कोंडापल्ली किला, भवानी द्वीप और राजीव गांधी पार्क घूमना न भूलें। यहां के प्रकाशम बांध से एक खूबसूरत झील का निर्माण होता है और इसे घूमना एक अच्छा अनुभव साबित हो सकता है।
विजयवाड़ा कैसे पहुंचें
गन्नावारम स्थित विजयवाड़ा एयरपोर्ट शहर से 20 किमी दूर है। यहां से हैदराबाद और विशाखापत्तनम के लिए नियमित उड़ानें मिलती हैं। पर्यटक हैदराबाद से अन्य शहरों के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा दक्षिण और मध्य भारत के शहरों को जोड़ने के लिए सड़क परिवहन व्यवस्था भी बेहतरीन है।
घूमने का सबसे अच्छा समय
अक्टूबर से मार्च का समय विजयवाड़ा घूमने के लिए सबसे अच्छा रहता है। यह समय साल का सबसे खुशगवार समय है। साथ ही इन महीनों में दक्कन त्योहार, लुंबीनी त्योहार, दशहरा और दीवाली का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।