वाघाडी नदी बैनगंगा नदी के प्रमुख उपनदियों में से एक है और यह केलापुर और यवतमाल शहरों से होकर बहती है। उसके बाद यह नदी पवित्र गोदावरी नदी में मिल जाती है और नीचे की ओर प्रसिद्ध गाडगे महाराज ब्रिज के नीचे बहती है।
इस पर्यटन स्थल में एक अद्भुत प्राकृतिक...
पैनगंगा वन्यजीवन अभ्यारण्य का नाम पैनगंगा नदी के नाम पर पड़ा जो चार में से तीन ओर से इसे घेरे हुए है। यह यवतमाल शहर के उमरखेड तहसील में स्थित है। यह अभ्यारण्य लगभग 325 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यहाँ विभिन्न प्रकार के वनस्पति और जीव जंतु पाए जाते...
प्रमुखतः अपने शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रसिद्द यवतमाल शहर जिला मुख्यालय की तरह कार्य करता है। अन्य कॉलेजों (महाविद्यालयों) के अलावा यवतमाल में शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय, आयुर्वैदिक महाविद्यालय, चिकित्सा महाविद्यालय और अनेक पॉलिटेकनिक महाविद्यालय हैं।
...तिपेश्वर वन्य जीवन अभ्यारण्य लगभग 148 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।यह यवतमाल के पंधाकवाडा तालुका में स्थित है। यह दक्षिणी उष्णकटिबंधीय नम मिश्रित वन और हरे चारागाहों से बने हुए हैं जहाँ पहाड़ी इलाके और झाडियाँ हैं। इसके अलावा यहाँ सागौन, इमारती, ओला और...