अर्थुनाः बांसवाड़ा जिले के सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानों में से एक है जो एक बड़ी और प्रसिद्ध पुरातात्विक महत्व की साइट है। यहाँ उत्कृष्ठ बनावट के जटिल, 11 वीं और 12 वीं शताब्दी में निर्मित बहुत से मंदिर हैं। यहां कई धार्मिक स्थलों की खुदाई की गई है, जो भारत की...
छींछ ब्रह्मा मंदिर 12 वीं सदी का एक मंदिर है जो भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। यहाँ रखी हुई ब्रह्मा की मूर्ति काले पत्थर पर खुदी हुई है और उसकी ऊंचाई एक औसत आदमी की ऊँचाई के बराबर है। यह मंदिर जिला मुख्यालय से 18 किमी की दूरी पर स्थित है और आसानी से बस, टैक्सी और...
अन्देश्वर एक प्रसिद्ध जैन मंदिर है जिसमें 10 वीं सदी के दुर्लभ शिलालेख शामिल हैं। इस मंदिर में भी दो मंदिर दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर है। भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा 30 इंच ऊंची और काले रंग की है। मुख्य मंदिर, कुशालगढ़ की दिगंबर जैन पंचायत द्वारा प्रबंधित किया...
बांसवाड़ा में माही बांध, माही बजाज सागर परियोजना के एक भाग के रूप में निर्मित किया गया था। चूँकि माही बांध के जलग्रहण क्षेत्र के अंदर द्वीपों की एक बड़ी संख्या हैं, इसलिए बांसवाड़ा "सौ द्वीपों का शहर" के नाम से भी लोकप्रिय है। यह बांध बांसवाड़ा जिले से 16 किलोमीटर...
राम कुंड को 'फटी खान' भी कहा जाता है क्योंकि यह एक पहाड़ी के नीचे एक गहरी गुफा के रूप में है। चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, यह जगह प्रकृति के प्रेमियों के लिए एक उपचार है। ठंडे पानी का एक पूल पास ही में स्थित है यह एक अनोखा पूल है क्योंकि यह कभी सूखता...
आनंद सागर झील बांसवाड़ा के पूर्वी हिस्से में स्थित एक सुंदर कृत्रिम झील है। यह कहा जाता है कि यह झील इदर की लच्छी बाई जो कि महारावल जगमाल की पत्नी थी, ने बनवाई थी। राज्य के भूतपूर्व शासकों की छतरियां या स्मारक झील के पास स्थित हैं। पवित्र पेड़ जिसे 'कल्प वृक्ष' के...
तलवाड़ा, बांसवाड़ा जिला मुख्यालय से 17 किमी की दूरी पर स्थित एक शहर है जो कि सूर्य भगवान और प्रभु अमलिया गणेश के प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। अन्य लोकप्रिय मंदिर जैसे लक्ष्मी नारायण का मंदिर, द्वारिकाधीश का मंदिर और सम्भरनाथ का जैन मंदिर आदि भी यहाँ उपस्थित...
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा जिले के मुख्यालय से 19 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर त्रिपुरा सुंदरी देवी के लिए समर्पित है, जिन्हें माता तुर्तिया के नाम से भी जाना जाता है। काले पत्थर पर खुदी हुई देवी की एक मूर्ति, मंदिर में प्रतिष्ठित है। लोककथाओं के अनुसार...
श्री साई बाबा मंदिर, पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया, साई बाबा के लिए समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह जिला मुख्यालय से 1 किमी की दूरी पर स्थित है, और इस तक आसानी से टैक्सी या टेम्पो द्वारा पहुंचा जा सकता है।
अब्दुल्ला पीर अब्दुल रसूल की दरगाह है जो कि शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है। यहाँ “उर्स” जनता द्वारा हर साल उल्लास के साथ मनाया जाता है। बोहरा समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में इसमें भाग लेते हैं।
यह समाधि जिला मुख्यालय से 3 किमी की दूरी पर...
भीम कुंड एक खूबसूरत जगह है जो जिला मुख्यालय से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। लोककथाओं के अनुसार अपने वनवास के दौरान पांडव(महाभारत के) इसी स्थान पर रहते थे। यहाँ एक सुरंग है,ऐसा माना जाता है कि या दूर किसी घोटिया अंबा नामक जगह पर समाप्त होती है और पांडवों ने इसका...
श्री राज मंदिर, सिटी पैलेस के नाम से लोकप्रिय है, यह 16 वीं सदी का एक आकर्षक महल है। यह एक बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है जो पुरानी राजपूत वास्तुकला का प्रतीक है। यह स्मारक राजस्थान के शाही परिवार के स्वामित्व में है और पर्यटक केवल निमंत्रण पर ही इसकी यात्रा कर सकते...
मदरेश्वर शिव मंदिर, भगवान शिव को समर्पित है। यह प्रसिद्ध मंदिर, शहर के पूर्वी भाग में पहाड़ी की चोटी पर, एक प्राकृतिक गुफा के अन्दर स्थित है। चूंकि यह शिव मंदिर एक गुफा के अंदर है, इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इसकी तुलना अमरनाथ के महान तीर्थ के साथ करते हैं।...
दिआब्लाब झील जिला मुख्यालय से 1 किमी की दूरी पर स्थित है और एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है,इसकी नैसर्गिक सुंदरता के लिए धन्यवाद। यह झील आंशिक रूप से सुंदर कमल के फूलों से ढकी हुई है जो झील के आकर्षण को और बढ़ाते हैं। पूर्व शासकों का ग्रीष्मकालीन निवास, बादल महल...
कागड़ी पिक अप मेड़, जो कि बाँसवाड़ा के जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर की दूरी पर रतलाम रोड पर स्थित है, एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। सुंदर उद्यान, फव्वारे और पानी का एक बड़े क्षेत्र में फैलाव, ये सब मिलकर इसे पर्यटकों के लिए एक ‘हॉटस्पॉट’ बनाते है।