देश की राजधानी है दिल्ली और दिल्ली को देश का दिल भी कहा जाता है। अगर आप राजधानी दिल्ली में जाने का प्लान बना रहे हैं या फिर दिल्ली में रहते हैं तो आपको दिल्ली की हरियाली जरूर देखनी चाहिए। दिल्ली में सबसे पुराने पेड़ों की कहानी लुटियंस दिल्ली और पुरानी दिल्ली पीढ़ी दर पीढ़ी कहती सुनाती आई है। लेकिन, इनके अलावा भी दिल्ली में हरियाली है। जी हां, दिल्ली में जंगल भी हैं। आपको अपने बच्चों के साथ या परिवार के साथ दिल्ली के फॉरेस्ट का रुख जरूर करना चाहिए। आप अपने बच्चों के साथ यहां वीकेंड प्लान कर सकते हैं। दिल्ली के ये जंगल अपनी खूबसूरती की वजह से जाने जाते हैं।
हाल ही कुछ सालों में दिल्ली में प्रदूषण देखने को मिलता है। जिस वजह से लोग मास्क पहले को मजबूर हैं। हर कोई दिल्ली में साफ हवा की तलाश कर रहा है। अगर आप दिल्ली में हरियाली तलाश रहे हैं तो हम आपके लिए लाए हैं दिल्ली के जंगलों के बारे में खास जानकारियां जो यकीनन आपके फेफड़ों को खुश कर देगी।
हमारी लिस्ट में सबसे ऊपर है दिल्ली एयरपोर्ट से कुछ ही दूरी पर वसंत कुंज-महरौली का जंगल, जिसे संजय वन के नाम से भी जाना जाता है। संजय वन को दिल्ली के कुछ खूबसूरत जंगलों में गिना जाता है। ये जंगल करीब 783 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें पाए जाने वाले पेड़-पौधे अनोखे हैं। यहां पर घूमने के लिए विदेशी पर्यटक भी आते हैं। इस जंगल में पाए जाने वाले बैंगनी सनबर्ड, एशियन कोयल, ब्राह्मणी स्टर्लिंग, इंडियन सिल्वरबिल और ग्रे-ब्रेस्टेड प्रिनिया पक्षियों से यहां की एक खास पहचान है। यहां पर आपको कई विदेशी कैमरों के साथ फोटो और वीडियो बनाते हुए दिख जाएंगे।
दिल्ली, समुद्र तल से 200 मीटर ऊंचाई पर है। दिल्ली में अमूमन 32 बरसाती दिन होते हैं और हर साल तकरीबन 60 सेमी बारिश होती है। ऐसे में हरियाली और ज्यादा पेड़-पौधों के लिए जलवायु भी बहुत ज्यादा सहायक नहीं साबित होती है।
दिल्ली का एक ऐसा इलाका जहां पर गांव वाले पेड़ों की रक्षा करते हैं और किसी को भी पेड़ नहीं काटने देते हैं। ये इलाका है फरीदाबाद-गुड़गांव हाईवे के साथ लगा। सुंदर अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ ये जंगल करीब 100 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर गुड़रिया नाम के बाबा की कहानी प्रसिद्ध है।
तुगलकाबाद रिज वन भी दिल्ली की खास पहचान है। आप यहां पर जाने के लिए दिल्ली मेट्रो का सहारा ले सकते हैं। इस वन तक जाने के लिए आपको तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन पर उतरना होगा। यहां पर आप पेड़ों की हरी-भरी हरियाली का मजा ले सकते हैं। रिकॉर्ड्स के मुताबिक, ये वन 6,200 हेक्टेयर की हरी-भरी जगह पर असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य भी है। बताया जाता है कि जहां पक्षियों की 193 प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां पर तितलियों की 80 से अधिक प्रजातियां वास करती हैं। इस वन में ब्लैक-नेप्ड खरगोश, साही, सिवेट, सियार और जंगली बिल्लियां जैसे जानवर भी पाए जाते हैं।
चिराग दिल्ली में जहांपना शहर का जंगल 435 एकड़ भूमि में फैला है। इस इलाके में लोग सुबह-सुबह सैर के लिए आते हैं। यहां पर नीलगाय पेड़ों के बीच इधर-उधर घूमती रहती हैं। इस इलाके में सुबह सुबह लोग योग करते हुए दिख जाएंगे।
उत्तरी रिज पुरानी दिल्ली से सटा इलाका जहां पर ज्यादातर पहाड़ ही दिखाई देते हैं। इसके 170 हेक्टेयर को 1915 में रिजर्व फॉरेस्ट घोषित कर रखा है। दावा किया जाता है कि यहां पर पक्षियों की 70 प्रजातियों रहती हैं। यहां एक 80 फीट गहरा तालाब भी है जहां पर गांव के लोग कई तरह की कहानियां बताते हैं।