सरदार सरोवर बाँध- नर्मदा का आभूषण
नर्मदा नदी पर बनाया गया सरदार सरोवर बाँध नदी के मुहाने से 1163 किमी की दूरी पर है। इस बाँध की आधारशिला जवाहरलाल नेहरू ने 1961 में रखी थी पर निर्माण का कार्य अंततः 1979 में शुरू......
पावागढ़ – देवी द्वारा अभिषिक्त
पावागढ़ चंपानेर के निकट स्थित एक पहाड़ी है और एक ऐसी पहाड़ी है जिस पर प्रसिद्ध महाकाली मंदिर स्थित है।पावागढ़ और उसके आसपास के पर्यटक स्थलमहाकाली मंदिर को मजबूत किया गया है और......
तिथल - समुद्र तट के अनुभव के लिए
तिथल वलसाड़ शहर के दक्षिण में स्थित एक बीच (समुद्र तट) है। अरब सागर से जुड़ा हुआ यह समुद्र तट काली रेत वाले समुद्र तट के रूप में जाना जाता है। गुजरात के दक्षिण में स्थित तिथल बीच......
खेड़ा – इतिहास से समृद्ध
बहुत पहले खेड़ा को “हिडिम्बा वन” भी कहा जाता था क्योंकि ऐसा माना जाता था कि हिडिम्बा से शादी करने के लिए महाभारत के भीमसेन ने इस स्थान पर एक राक्षस को मारा था। खेड़ा......
जूनागढ़ - किसी युग में डेरा डालना
गुजरात में बहुत कम स्थान हैं, जो जूनागढ़ की तरह विविधता प्रदान करते हैं। गिरनार सीमा की तलहटी में स्थित, जूनागढ़ का नाम 320 ई.पू. के दौरान चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा निर्मित किले......
दमन पर्यटन - समंदर किनारे बिताएं राहत के पल
Fदमन, गोवा और दादरा एंव नगर हवेली 450 साल से भी ज्यादा समय के लिए पुर्तगाली साम्राज्य का हिस्सा रहा। 19 दिसंबर 1961 में दमन और अरब सागर में विदेशियों के अधीन दूसरे तटवर्ती......
अहमदाबाद - एक उभरते शहर की कहानी
गुजरात राज्य का एक ऐसा शहर जो हमेशा से ही विरोधाभासी रहा है, जहां एक ओर गुजराती लोग, सारी दुनिया में मास्टर बिजनेसमैन के नाम से जाने जाते है वहीं इसी शहर में ही गांधी......
आनंद पर्यटन - श्वेत क्रांति का शहर
मूल (आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड) ब्रांड के अंतर्गत भारत में हुए डेयरी को-ऑपरेटिव मूवमेंट के लिए आनंद शहर जाना जाता है। आनंद श्वेत क्रांति का केन्द्र था। आखिरकार इस क्रांति ने......
सूरत- सॉलीटेयर्स की चमकदार भूमि
गुजरात राज्य के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सूरत आज अपने वस्त्रों और हीरों के लिए जाना जाता है। इस धूमधाम और चमक के पीछे महान ऐतिहासिक महत्व और महिमा का एक शहर है।गौरवशाली......
वड़ोदरा पर्यटन: शाही ठाटबाट वाला शहर
वड़ोदरा या बड़ौदा विश्वामित्री नदी के किनारे पर स्थित है। कभी यह गायकवाड़ साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। विश्वामित्री नदी के आसपास दो हजार साल पुराने पुरातात्त्विक अवशेष पाए......
चंपानेर - एक शाही शहर
चंपानेर की स्थापना चावड़ा वंश के राजा वनराज चावड़ा ने की थी। उनके एक मंत्री का नाम चंपाराज था, जिसके नाम पर इस जगह का नामकरण हुआ। कुछ लोगों का मानना है कि चंपानेर नाम......
सिलवासा पर्यटन - भीड़ से दूर एक मस्त सैर
सिलवासा, भारतीय संघ शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली की राजधानी है। इस शहर को पुर्तगाली शासन के दौरान विला डी पाको द अरकॉस के नाम से जाना जाता था। पागल कर देने वाली भीड़ से......
वांकानेर - निहारने लायक अद्भुत दर्शनिय स्थल
वांकानेर का नाम इसके लोकेशन पर पड़ा। यह मच्छु नदी के पानी या 'नेर' के मोड़ या 'वांका' पर स्थित है। वांकानेर झाला राजपूतों द्वारा शाशित राजसी राज्य था इसलिए इसे झालावर के नाम से भी......
गिर राष्ट्रीय उद्यान - चमत्कारिक वन्यजीव की ओर
गिरनार जंगल के करीब है गिर राष्ट्रीय उद्यान। निश्चित तौर पे जब लोग गिरनार पहाड़ियों का दौरा कर रहे हों तो गिर जंगल को अपने कार्यक्रम में शामिल कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान......
गांधीनगर- गुजरात की राजधानी
साबरमती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित गांधीनगर गुजरात की नवीनतम राजधानी है। आज़ादी के बाद 1960 में जब मुम्बई को महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित किया गया, तब गांधीनगर को गुजरात की......
बोरदी - जहां जाकर होता है मन शांत
शापिंग करने का मन मुम्बई की गलियों और लोकल मार्केट में है लेकिन समुद्र का किनारा शांत और मन को हल्का कर देने वाला चाहिए। जहां वाटॅर गेम्स खेले जा सकें। तो आपको......
राजकोट पर्यटन - महात्मा गांधी के लकड़कपन का घर
राजकोट, सौराष्ट्र राज्य की पूर्व राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। हालांकि, राजकोट अब कोई राजधानी नहीं है लेकिन इसका अतीत अत्यंत सुंदर और गरिमामयी है। ऐतिहासिक......
मोरबी - हैंगिंग ब्रिज का आश्चर्य
मोरबी, गुजरात राज्य का एक शहर है जो मच्छु नदी के तट पर स्थित है। यह शहर, पारंपरिक और यूरोपियन शैली की वास्तुकला का अद्भूत मिश्रण है। इस शहर का झूला पुल उस युग की......
वलसाड़ - समुद्री किनारे, किले, मंदिर और बहुत कुछ
वलसाड़ गुजरात का एक तटवर्ती जिला है। इसके नाम की उत्पत्ति ‘वड़-साल’ से हुई है, जिसका अर्थ होता है- बरगद (वड़) के वृक्ष की भरमार। यह स्थान बरगद के पेड़ों से भरा पड़ा......
उदवाडा – पारसियों का केंद्र
उदवाडा वलसाड़ जिले का एक तटीय शहर है जो पारसियों या भारतीय पारसियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। उदवाडा का शाब्दिक अर्थ है “ऊंटों के चरने का मैदान” क्योंकि यहाँ......
गोंडल - विशिष्ट कारों का राजसी राज्य
गोंडल आज़ादी के पहले काठियावाड़ के आठ राजसी राज्यों में से एक माना जाता था। यहाँ के राजाओं को कारों के प्रति सम्मोहन था और इसलिए उस समय भी गुजरात के गोंडल में रोड की स्थिति काफी......
गिरनार - पहाड़ों पर है तीर्थस्थलों की भरमार
गिरनार हिंदू और जैन धर्मावलंबियों दोनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। वास्तव में गिरनार पहाड़ियों का एक समूह है, जिसे गिरनार हिल्स के नाम से जाना......