सुखनाग को सोखाननाग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सुंदर झरना है जो बडगाम जिले के तोसामैदान में स्थित है। यह झरना 20 फीट की ऊंचाई से गिरता है। जिस स्थान से यह गिरता है उसे कंज जुबली के नाम से पुकारा जाता है। सुखनाग का मुख्य स्त्रोत अहीज धारा है। यह...
यह कब्र शहर के पोसखर गांव में बनी हुई है जिसे पहले लूडो रैना के नाम से जाना जाता था। लतीफ - उद - दीन,बाबा शेख उल आलम के करीबी शिष्यों में से एक था जिन्होने धर्म के लिए घर और परिवार छोड़ दिया और कई वर्षो तक गुफा में तपस्या करते रहे। बाद में इस गांव...
अहरबाल एक लोकप्रिय और सुंदर झरना है जो 24.4 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। यह एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट भी है। अहरबाल झरना, विशभ नदी से आता है। पर्यटक यहां आकर पास में ही बहने वाली नदी कौनसेरनाग को भी देख सकते हैं।
इमामबाडा बडगाम का निर्माण, 1857 में आगा सैयद मोहम्मद ने करवाया था। यह धार्मिक स्थल, कश्मीरी शिया मुस्लिमों के लिए विशेष महत्व रखता है। इतिहासकारों के अनुसार, आगा सैयद मेहदी जो एक शिया थे, प्रतिदिन यहां आकर इमामबाड़ा में प्रार्थना किया करते थे...
यह कब्र शहर के पोसखेर गांव में स्थित है। इस जगह पर शाम डेड का दफनाया गया था जो एक अध्यात्मवाद से परिपूर्ण स्त्री थी और हजरत शेख नूर - उद - दीन नूरानी और बाबा लतीफ - उद - दीन काजी की शिष्य थी। शाम के समय में इस स्त्री की मौत होने के कारण इस...
नारा नाग को नारायण नाग के रूप में जाना जाता है। यह सुंदर वसंत खग के पास स्थित है। इस स्त्रोत को तोषामैदान झील से जुड़ा हुआ माना गया है। कहा जाता है कि यहां के पानी का स्त्रोत जमीन के काफी नीचे से है। यहां के स्थानीय लोगों में किंवदंती है कि एक बार...
इसे नास्ट्रिल रॉक के नाम से भी जाना जाता है जो समुद्र स्थल से 14000 फीट की ऊंचाई पर बडगाम जिले में स्थित है। कहा जाता है कि यह जगह पहले एक झील थी और यहां नौकाओं को पत्थरों से एंकर डाल कर रोका जाता था। इस लोहे के हुक को वर्तमान में लाल खानेन घर...
यह झरना बडगाम के दरंग खाईपोरा गांव में स्थित है। इस झरने के पानी में काफी मात्रा में सल्फर पाया जाता है। इसी कारण यहां का पानी त्वचा के रोगों के लिए रामबाण इलाज माना जाता है।
सैयद ताज-उद-दीन और सैयद अला-उद-दीन का मकबरा, सिंकदरपोरा में स्थित लोकप्रिय मकबरों में से एक हैं। सैयद अला-उद-दीन, सैयद ताज-उद-दीन का बेटा था और उन दोनों ने अपना पूरा जीवन इसी जगह बिता दिया था। जब उन लोगों की मृत्यु हो गई तो उनकी स्मृति में यहां मकबरा...
सूत हरान एक प्रसिद्ध वसंत है जो बडगाम जिले के छोटे से तोषामैदान में स्थित है। यहां पर भारत और जनवादी चीन की सीमा रेखा बनी हुई है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान राम ने वनवास के समय यहां अपनी पत्नी सीता और भाई...
माला कोल को गूंगी और बहरी धारा कहा जाता है। यह बेहद सुंदर झरना है। विद्धानों के अनुसार, इस धारा का संत सैयद ताज-उद-दीन द्वारा कई वर्षो तक अनुसरण किया गया था। इसके पास में ही सुत हरन नामक सुंदर पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं।
बडगाम जिले की बीरवाह तहसील में स्थित यह जगह एक सुंदर जगह है जो आकर्षक दृश्य प्रदान करता है। यह भी एक प्रकार का चारागाह है। यह समुद्री स्तर से 8000 से 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसके चारो तरफ हरियाली है जो मन को सुकून पहुंचाती है।
यह कब्र श्रीनगर से 28 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसे कश्मीर के ध्वज वाहक के रूप में जाना जाता है। जानकारी के लिए ज्ञात हो कि शेख नूर इस्लाम धर्म का प्रचार और प्रसार किया करते थे। उनकी मृत्यु के बाद अफगान के राज्यपाल मोहम्मद खान ने...
नीलनाग एक सुंदर झील है जिसके लिए पर्यटकों को घने जंगलो से होकर गुजरना पड़ता है। झील बिल्कुल खड़ी अवस्था में ऊपर से नीचे गिरती है और रंग बिल्कुल नीला है इसीकारण इसे नीलनाग कहा जाता है।
यह एक अंडाकार घास का मैदान है जो दूधगंगा की धारा से विभाजित है। बडगाम में ऐसे अन्य घास के मैदान है जैसे - हैगिन और युसमार्ग। यहां आपको स्थानीय परिवार अक्सर पिकनिक मनाते दिख जाएगे।