शहज़ादी का रौज़ा एक प्रभावशाली स्मारक है जो 12 फुट की ऊंचाई पर बना हुआ है। यह संरचना परमेश्वर तालाब के पास स्थित है। बाहरी दीवार ऊंची पहली मंजिल और छोटी दूसरी मंजिल को दर्शाती है। इन दोनों मंजिलों पर छज्जे अद्वितीय रूप से डिज़ाइन किये हुए सर्पिल कोष्ठकों पर रखे हुए है। इस संरचना के आंतरिक भाग में केवल एक ही मंजिल है और एक ही कमरा है जो वर्गाकार है।
वास्तव में इस स्मारक में 5 गुंबद हैं जिनमें से अधिकांश नष्ट हो चुके हैं। यह इमारत वास्तव में एक कब्र है जिसका निर्माण 15 वीं शताब्दी में उस हकीम के द्वारा किया गया जिसने चंदेरी पर राज्य किया। इसका निर्माण उसकी बेटी मेहरुन्निसा की याद में किया गया था।
उसे हकीम की सेना के प्रधान से प्यार हो गया था। परंतु हकीम इसके लिए तैयार नहीं था, अत: इस जवान युगल ने इस स्थान पर मृत्यु को गले लगा लिया। इसी स्थान पर यह स्मारक बना है। हकीम ने अपनी बेटी को यही दफ़न किया और उसकी याद में यह स्मारक बनवाया।