चिन्नलापट्टी डिंडीगुल जिले का एक छोटा सा कस्बा है। इस शहर में वडिपट्टी मठ तीर्थ, अथूर कामराजार बाँध, सिरूमलाई पहाड़ियाँ, कुटलाडमपट्टी झरने, अथिसयम थीम पार्क और झील के किनारे कई अतिथिगृह और रिजॉर्ट जैसे कई पर्यटक स्थल हैं। अलागर त्यौहार भी भारी संख्या में लोगों को...
थडीकोम्बू पेरुमल मन्दिर डिंडीगुल से 5 किमी की दूरी पर डिंडीगुल –करूर मार्ग पर स्थित है। मन्दिर के मुख्य इष्टदेवता भगवान अलागर हैं। मन्दिर का मुख्य पर्व अप्रैल और मई में पड़ने वाले तमिल महीने चैत्र में आयोजित किया जाता है। पर्व के दौरान इष्टदेवता की 12 दिनों...
डिंडीगुल पहाड़ियाँ शहर की सबसे प्रमुख विशेषता है क्योंकि शहर का नाम इसी के नाम पर रखा गया है। डिंडीगुल नाम की उत्पत्ति दो शब्दों थिंडू अर्थात तकिया और कल अर्थात पत्थर से मिलकर हुई है। पहाड़ी के ऊपर से शहर का नजारा दिखता है और पहाड़ी तकिये के आकार में है जिसके कारण...
कामराजार झील और कामराजार सागर बाँध अथूर नाम के गाँव में स्थित है। यह झील 400 एकड़ के क्षेत्र में फैली है और यहाँ से पश्चिमी घाट दिखते हैं। झील और बाँध के आसपास का इलाका में केले के बागानों, नारियल के पेड़ों, इलायची के बागों और कोरेकल से घिरा है। यह क्षेत्र पक्षी...
अंजनेयर मन्दिर नीलाकोट्टाई तालुक के अनापट्टी में स्थित है। यह मन्दिर क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध मन्दिरों में से एक है और 300 से अधिक साल पुराना है। मन्दिर को मदुरै की रानी मनगम्मा द्वारा निर्मित कराया गया था। मन्दिर अंग्रेजों के शासन काल में निर्मित पेरानाई पुल के...
श्री कोट्टाई मरिअम्मन कोविल देवी मरिअम्मन को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि 200 वर्ष पूर्व निर्मित इस प्रचीन मन्दिर की मूर्ति को महान शासक टीपू सुल्तान द्वारा स्थापित किया गया था। मन्दिर में विनायक, मुरूगा, मदुरै वीरन, काली और दुर्गा की भी मूर्तियाँ हैं। मन्दिर...
क्राइस्ट दी किंग चर्च कोडाइकनाल में कोएकर वॉक के पास स्थित है। यह चर्च ग्रेनाइट से बना है। औपनिवेशिक काल में बने इस चर्च की काँच की खिड़कियों और कलात्मक कार्य में औपनिवेशिक काल की स्थापत्य कला का साफ प्रभाव दिखता है। यह चर्च पर्यटकों के लिये एक प्रमुख आकर्षण है।
सेन्ट जोसफ चर्च 1866 ई0 से लेकर 1872 ई0 के दौरान बना है। यह सौ साल पुराना चर्च डिंडीगुल जिले के सभी रोमन कैथोलिक गिरजाघरों में प्रधान है और इसलिये क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में से एक है।
बेगम्बुर बड़ी मस्जिद का निर्माण हैदर अली के शासन काल मे हुआ था और यह प्रचीन मस्जिद 300 साल से अधिक पुरानी है। राजा हैदर अली की छोटी बहन अम्मेर-उन-निशा बेगम में मस्जिद परिसर में ही दफनाया गया था। मस्जिद का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया है क्योंकि डिंडीगुल इलाके में...
डिंडीगुल रॉकफोर्ट शहर का सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पहचान है। डिंडीगुल पहाड़ियों पर 280 फीट की ऊँचाई पर स्थित इस किले को 17वीं शताब्दी में मदुरै साम्राज्य के शासक मुथू कृष्णा नैकर द्वारा निर्मित कराया गया था। तब से इसके कई कब्जेदार रहे हैं। 18वीं शताब्दी में टीपू...
अबिरामी अम्मन मन्दिर देवी अबिरामी अम्मन को समर्पित है। शहर के केन्द्र में स्थित इस मन्दिर में नवरात्रि में दौरान भक्तों की भारी भीड़ आती है। नवरात्रि के दौरान प्रसिद्ध कोलू को मन्दिर के अन्दर रखा जाता है। इस दौरान मन्दिर के पुजारी देवी को समर्पित एक लाख से अधिक...