गौरी कुंड और सूर्य कुंड गंगोत्री मंदिर के नजदीक ही स्थित हैं। ये तालाब एक लोहे के पुल के दोनों ओर स्थित हैं। खास तौर पर इन तालाबों में झरने के बहते पानी से उत्पन्न होती खूबसूरत ध्वनि से आकर्षित होकर पर्यटक यहां आते हैं।
जलमग्न शिवलिंग, गंगोत्री का सबसे पवित्र पर्यटक आकर्षण है। यह पत्थर का बना हुआ एक प्राकृतिक शिवलिंग है जो सर्दियों के मौसम में पानी का स्तर कम होने पर दिखाई देता है। यह शिवलिंग जलमग्न शिवलिंग के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव इसी स्थान...
एकादश रुद्र मंदिर पवित्र नदी भागीरथी के तट पर स्थित है। यह मंदिर एकादश रूद्राभिषेकम पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहां 11 रूद्रों (भगवान शिव के अवतार) की पूजा की जाती है।
भागीरथी नदी के निकट स्थित ज्ञानेश्वर मंदिर,एक प्राचीन मंदिर है। भक्त अपने प्रियजनों की सुख-समृद्धि की कामना की प्रार्थना हेतु इस मंदिर में आते हैं।
पांडव गुफा महाभारत काल की है। पर्यटक गंगोत्री से पैदल चलकर यहां पहुँच सकते हैं। गंतव्य से इस स्थान की पैदल दूरी 1.5 किलो मीटर है। मान्यताओं के अनुसार, महाकाव्य ‘महाभारत‘ के राजाओं एवं योद्धाओं अर्थात पांडवों ने कैलाश जाते समय इस स्थान पर तपस्या की थी।
समुद्र तट से लगभग 3000 मीटर ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल एक ऊंचाई वाला घास का मैदान है। यह घास का मैदान अपने लुभावनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थल से शक्तिशाली हिमालय की सुरम्य छटा को निहारा जा सकता है। इस घास के मैदान को देखने के इच्छुक पर्यटक...
गंगनानी, गंगोत्री में स्थित एक क़स्बा है। जो भी आगंतुक आध्यात्मिकता के इच्छुक हैं उनके लिए ये एक आदर्श स्थल है। अगर आप ध्यान या योग की मुद्रा में जाना चाहते हैं तो ये स्थान आपके लिए एक परफेक्ट स्थल है यहाँ जाकर जरूर आपका व्याकुल मन शांत होगा। ये...
गंगोत्री मंदिर भागीरथी नदी के तट पर स्थित है। ये मंदिर, समुद्र तल से 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, गंगोत्री नदी देवी गंगा को समर्पित है। यहाँ देश के सबसे अधिक देवी गंगा देवी को समर्पित प्रमुख मंदिर हैं। वर्तमान में यहाँ...
भागीरथी शिला गंगोत्री में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। इस शिला से एक पौराणिक कहानी जुड़ी हुई है। मान्यताओं के अनुसार, राजा भगीरथ ने देवी गंगा को प्रसन्न करने के लिए इसी चट्टान पर आराधना की थी।