बच्चों को कोल्हापुर में रणकला चौपाटी बेहद पसंद है यहां का सुंदर बगीचा और शालिनी पैलेस में बच्चों को खेलने के लिए काफी स्पेस मिलता है। चौपाटी नाम की कृत्रिम झील का निर्माण महाराजा छत्रपति शाहू ने करवाया था।
कोल्हापुर आकर यहां की चप्पल नहीं खरीदी तो बेकार।कोल्हापुरी चप्पल को अपने लिए और पूरे परिवार के लिए खरीदें। इन चप्पलों की खास बात यह है कि इनका निर्माण मशीनों से नहीं बल्कि हाथों से किया जाता है।चप्पलों के अलावा कोल्हापुर के मसाले...
छत्रपति शाहू महाराज के बैकग्राउंड से जुड़ी इस जगह को ग्लोरी ऑफ द सिटी कहा जाता है। भवानी मंडप को शिवाजी महाराज ने बनवाया था जो देवी भवानी को समर्पित था। भवानी मंडप में बड़ा सा हॉल,शानदार दालान और डिजायन रोशनी आपका मन मोह लेगी।
यह मैदान कोई साधारण ग्राउंड नहीं है बल्कि कुश्ती का मैदान है जहां 30,000 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। इस मैदान का निर्माण छत्रपति शाहू महाराज ने कुश्ती को बढ़ावा देने और उनके अभ्यास के लिए करवाया था।आप भी साल भर पहलवान यहां प्रैक्टिस करते दिख...
कोल्हापुर से 55 किमी. दूर स्थित यह जगह बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। एड्रेनालाईन जकींस जिन्हे ट्रैकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग से प्यार है वो इस जगह पर आना कभी न भूलें। गगनबावड़ा को एडवेंचर प्वाइंट कहना गलत न होगा। यहां पर पास में ही एक आश्रम है जहां...
जंगलों के बीच स्थित इस मठ में योग और ध्यान की शिक्षा दी जाती है। कहा जाता है कि महाराज ने यहां 8 साल के लिए घोर तपस्या की थी।विदेशी पर्यटकों को यह आध्यात्मिक केंद्र बेहद पसंद आता है।
यह म्यूजियम किसी समय में छत्रपति शाहू महाराज के शाही परिवार के लिए घर था इसी कारण यहां की वास्तुकला में हिंदू और ब्रिटिश का कॉम्बीनेशन देखने को मिलता है।
भगवती नदी के तट पर बना यह बांध लगभग सौ साल पहले बनाया गया था। इस बांध का पानी मुख्य रूप से सिचांई के लिए उपयोग में लाया जाता है।
कोल्हापुर का ज्योतिबा मंदिर,बारह मौजूदा ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो केदारनाथ के नाम से प्रसिद्ध है।वाडा रत्नागिरि के नाम से विख्यात इस जगह पर धार्मिक कहानियों के अनुसार, राक्षस रतनासुर को तीन हिंदू देवताओं, ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने मिलकर मार डाला...
अगर भगवान में श्रद्धा हो तो महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन अवश्य करें। हिंदू धर्म के पवित्र पुराणों में कई बार इस जगह का उल्लेख किया गया है।