कालीकट शहर के केंद्र में स्थित तली मंदिर केरल के प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को कालीकट और मालाबार के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है। यह मंदिर ज़मोरिंस के शासनकाल में बनाया गया और रेवती पट्टाथानम की मेजबानी की – विद्वानों की प्राचीन विधानसभा जो प्रतिवर्ष राजा के संरक्षण में आयोजित की जाती थी।
इस मंदिर के इष्ट देव भगवान शिव हैं और हज़ारों भक्त और तीर्थयात्री इस स्थान की यात्रा करते हैं। इस मंदिर के परिसर में एक पवित्र गर्भगृह, प्रकाश स्तंभ, एक भव्य प्रवेश द्वार, हाथियों के लिए एक मंच और उपदेवताओं की मूर्तियां हैं। मंदिर का गर्भगृह रथ के आकार का है और इसे कई भित्ति चित्रों से सजाया गया है। यह मंदिर लकड़ी और पत्थरों से केरल की अनूठी स्थापत्य कला में बनाया गया है।
इस मंदिर में कई उत्सव मनाए जाते हैं जिसमें बड़ी मात्रा में स्थानीय लोग आते हैं। इस मंदिर का सबसे प्रमुख त्यौहार नए मलयालम वर्ष (विष्णु के नाम से प्रसिद्द) के दौरान मनाया जाता है और यह त्यौहार सात दिनों तक चलता है। इस दौरान मंदिर में होने वाली प्रार्थनाएं और देवत्व का वातावरण इस मंदिर की सैर करने वालों को आराम प्रदान करता है।