मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का जिला है। यह शहर राजा शाहजहां के बेटे मुराद के द्वारा 1600 में स्थापित किया गया था। 5,945 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाला मुरादाबाद जिला गंगा नदी (पश्चिम) के समतल मैदान से घिरा है और यहां से रामगंगा नदी बहती है। मुरादाबाद पीतल पर की गई हस्तशिल्प के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। मुरादाबाद भारत में पीतल के उद्योग का केंद्र है और इसलिए इस शहर को पीतल की नगरी या सिटी ऑफ़ ब्रास के नाम से भी जाना जाता है।
मुरादाबाद का इतिहास
मुरादाबाद शहर रामगंगा नदी के पश्चिम में स्थित है। रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 1632 में मुगल सम्राट शाहजहां, ने रुस्तम खान को नियुक्त किया। इस क्षेत्र पर कब्जा करके किले की स्थापना कर उसका नाम रुस्तम नगर रखने को कहा। लेकिन बाद में इस शहर का नाम मुरादाबाद रखा गया जो शाहजहां के बेटे मुराद बख्श के नाम पर है। और आज भी हम इस शहर को इसी नाम से जानते है।
जैसा की आप जानते ही है की पीतल पर हस्तशिल्प के काम से दुनिया भर में यह शहर प्रसिद्ध है। माना जाता है की दुनिया भर में इस हस्तकला उद्योग ने अपने लिए जगह बना ली है। और इसके उत्पादन संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व जैसे देशों को निर्यात किये जाते है।
मुरादाबाद और उसके आसपास के पर्यटक स्थल
पीतल के उद्योग के साथ-साथ यहाँ पर और भी बहुत सारी जगह है देखने के लिए। भारत के अन्य शहरों और कस्बों की तरह यहाँ भी मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थल है। जैसे सीता मंदिर, बड़े हनुमान जी मंदिर, चंदौसी, कुंज बिहारी मंदिर, साई मंदिर, पातालेश्वर मंदिर और शनिदेव मंदिर यहां के मुख्य मंदिरों में से कुछ मंदिर है।
भारत में मुगलों ने भी कई दशक तक राज किया है इसीलिए यहाँ मुगल वंश के बनाये कई स्मारक है। उनमें से कुछ उल्लेखनीय है नजिबुदौला का किला, मन्दवार का महल और जामा मस्जिद शामिल हैं।
मुरादाबाद के पर्यटकों के लिए सबसे पास चंदौसी ( चंद मतलब चाँद और चंदौसी का मतलब चाँद की तरह ) देख सकते है। इस शहर में बड़े पैमाने पर पुदीने की खेती होती है और यहाँ का मुख्य उत्पाद पुदीने का तेल है। शहर में कई धार्मिक स्थल भी है जैसे रामबाग धाम, कुंज बिहारी मंदिर, भगवान वेणुगोपाल जी का मंदिर, और ब्रहम देवी का मंदिर भी है।
अपने परिवार के साथ मज़ा और मस्ती करने के लिए आप प्रेम वंडरलैंड और प्रेम वाटर किंगडम जा सकते है। रामपुर की रजा लाइब्रेरी साहित्यिक प्रेमियों और भारत इस्लामी शिक्षा और कला का खजाना है।
मुरादाबाद कैसे पहुंचे
मुरादाबाद आसानी से हवाई, रेल और सड़क द्वारा पहुंचा जा सकता है
मुरादाबाद जाने के लिए सबसे अच्छा समय
मुरादाबाद घुमाने के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल के बीच में होता है इस वक़्त यहाँ का मौसम हल्का और सुखद रहता है। क्यों की मुरादाबाद एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है इसलिए पूरे साल यहाँ पर्यटक आते है।