यह मंदिर नग्गर का एक महत्वपूर्ण और आकर्षक स्थल है जो नग्गर कैसल परिसर में स्थित है। पहले यह एक किला था जिसे वर्तमान में एक हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है। लोककथाओं के अनुसार, एक बार देवताओं और देवियों ने स्वयं को मधु मक्खियों में तब्दील कर दिया और भृगु तुंग पीक से पत्थर का एक स्लैब काट लाए और इसे मंदिर के रूप में बना दिया।
इस मंदिर को उन्होने कूल्लू की सबसे ऊंची चोटी देवतिवा में स्थापित कर दिया। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस जगह देवता इकट्ठे होते और नग्गरवासियों की आपदाओं से रक्षा करते हैं। यह मंदिर छोटा और वर्गाकार है जिसमें एक पत्थर की पटिया समाहित है जिसे जगतीपट्टी कहा जाता है।
मंदिर में लकड़ी का किया हुआ काम काफी अच्छा है जो उस काल की स्थापत्य कला को दर्शाता है जब इसका निर्माण किया गया होगा। यह मंदिर इस प्रकार बनस हुआ है कि यहां पर आने वाले भूकंप का मंदिर पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।